रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी सलामती की दुआ करती हैं। वहीं भाई भी बहनों को उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। लेकिन मनाली में रह रही 15 साल की कल्पना ठाकुर पेड़ को राखी बांधकर उनकी रक्षा करने का वचन देती है। इसके साथ ही वह दुनिया को पर्यावरण को बचाने का संदेश देती है।
तीन साल की उम्र से पेड़ को बांध रही राखी
कल्पना ठाकुर तीन साल की उम्र से पेड़ को राखी बांध रही है। इस बार रक्षाबंधन पर कल्पना ने 12वीं बार पेड़ को राखी बांधकर ये त्योहार मनाया। दरअसल, कल्पना अपने पिता किशन ठाकुर के रास्ते पर चल रही हैं। उनके पिता को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। तीन साल की उम्र से ही कल्पना ने पेड़ पौधों के महत्तव को समझना शुरू कर दिया था। इस बार भी रक्षाबंधन के मौके पर कल्पना ने पेड़ को राखी बांधने के अलावा पिता के साथ मिलकर अलेउ के जंगल मे पांच देवदार के पेड़ लगाए हैं।
नहीं है कोई भाई
इसके साथ कल्पना ने 15 पौधे लगाने और उनके संरक्षण की शपथ भी ली और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की बात कही है। वह कहती है कि लोग ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। कल्पना का कहना है कि उनका कोई भाई नहीं है इसलिए उन्होंने पेड़ को ही अपना भाई मान लिया।
भारतीय सेना में शामिल होना चाहती है कल्पना
कल्पना पढ़-लिखकर भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने चाहती है। कल्पना को उनके इस नेक काम के लिए पर्यावरण एवं वन्य प्राणी सुरक्षा समिति, सुर संगम कला अकादमी, ठाकुर वेदराम मैमोरियल सोसायटी, मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट्री, हिम उत्कर्ष साहित्य अकादमी आदि सम्मानित कर चुके हैं।