बॉलीवुड एक्ट्रेस इशिता दत्ता के घर इन दिनों खुशियों का माहौल है। हाल ही में अपने घर में नन्हें मेहमान का स्वागत किया है। एक्ट्रेस ने खुलासा किया है कि वो पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हैं। अब धीरे-धीरे इससे बाहर आ रही हैं। इशिता ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर बताया कि डिलीवरी के 4 हफ्ते बाद उनके शरीर में कितने बदलाव आए। इशिता ने बताया कि डिलीवरी के बाद वह खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पा रही थी। रात में सो नहीं पा रही थी सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि ठीक से खाना भी नहीं खा पा रही थी।
बॉडी में रहता था दर्द
ये ही नहीं उन्होंने कहा कि 'बॉडी में दर्द रहा और मानसिक रुप से मैं तनाव में रही, ब्रेस्टफीडिंग में दिक्कतें आई और मॉम्स के अंदर जो गिल्ट आता है वो भी आया मैं खुद को खोया हुआ और अकेला महसूस करने लगी थी, मेरी जिंदगी बदल गई थी सिर्फ बेबी के जन्म के बाद ही नहीं बल्कि एक मां बनी इस रुप में मेरी जिंदगी बदली।'
शुरुआती हफ्ते थे बेहद मुश्किल
आगे एक्ट्रेस ने बताया कि - 'शुरुआत के कुछ हफ्ते मुश्किल हालातों में बीते मैं रोती थी और बेबी का ध्यान रखती थी मेरे आसपास इतने सारे परिवार के लोग थे पर फिर भी मैं अकेला महसूस कर रही थी पर फिर वत्सल ने मुझे संभाला मुझे कॉफी डेट्स पर लेकर गया जिसके बाद मैंने फिर से खुद को महसूस करना शुरु किया ।'
बता दें पोस्टपार्टम डिप्रेशन 10-15% महिलाओं को होता है, यानि कि हर 7वीं महिला इससे जूझती है. कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी की शुरुआत या डिलीवरी के बाद बेबी ब्लूज होते हैं, जिनमें ज्यादातर मूड स्विंग्स, टेंशन, डर, नींद न आना शामिल होते हैं।
आइए आपको बताते हैं इसके और लक्षण और इलाज...
- गहरा तनाव
- हॉर्मोनल असंतुलन
- मूड स्विंग्स
- खुद में अरुचि या बहुत रोना
- बच्चे का पालन-पोषण करने में कठिनाई
- फैमिली और दोस्तों से दूरी बनाना
- भूख न लगना या ज्यादा खाना
- नींद न आना या ज्यादा सोना
- ज्यादा थकान
- चिड़चिड़ापन और गुस्सा
- निराशा
- बेचैनी
- एकाग्रता में कमी
- आत्महत्या की इच्छा
इलाज...
- पोस्टपार्टम डिप्रेशन के इलाज के लिए दवाइयां और थेरेपी दी जाती है। डॉक्टर या तो इनमें से किसी एक का इस्तेमाल करते हैं या फिर ज़रूरत के हिसाब से दोनों का एक साथ।
- स्त्री-रोग विशेषज्ञ और मनोचिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
- अनुभवी दोस्तों और रिश्तेदारों से बात करनी चाहिए।
- टहलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, योगासन जैसी हल्की एक्सरसाइज डॉक्टर की सलाह पर किये जा सकते हैं।
- एंटी-डीप्रेसेंट दिमाग में बनने वाले केमिकल्स पर असर कर मूड को ठीक करने में मदद करते हैं। इन दवाइयों को ब्रेस्टफीडिंग के साथ भी खा सकती हैं।
नोट - पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण दिखें तो पहले डॉक्टर की सलाह लें।