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शिशु के लिए जरूरी है आयोडीन, एक्सपर्ट्स से जानें इसके फायदे और सही मात्रा

  • Edited By neetu,
  • Updated: 17 Feb, 2021 02:43 PM
शिशु के लिए जरूरी है आयोडीन, एक्सपर्ट्स से जानें इसके फायदे और सही मात्रा

बड़े हो या बड़े बेहतर विकास के लिए डाइट में पौष्टिक चीजों को शामिल करने की जरूरत होती है। बात अगर बच्चे की करें तो उनके विकास व स्वस्थ थायराइड के लिए आयोडीन भी अहम भूमिका निभाता है। इससे शिशु को सही तत्व मिलने के साथ बीमारियों से बचाव रहता है। थायरॉयड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म, शरीर का तापमान, ब्लड सेल प्रोडक्शन, नर्व और मसल्स फंक्शन के लिए जरूरी हार्मोन को कंट्रोल करके रिलीज करने में मदद करता है। वहीं आयोडीन की कमी के कारण बच्चों में थायरॉयड ग्रंथि के बढ़ने से गॉइटर (घेंघा रोग) होने का खतरा रहता है। इससे उन्हें कमजोरी, तनाव, स्किन इफेक्शन, वजन बढ़ना आदि की परेशानी होने लगती है। ऐसे में समय रहते इसकी आयोडीन की कमी को पूरा करने की जरूरत होती है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

हाइपोथायरायडिज्म की परेशानी

बच्चे के जन्म के बाद करीब 6 महीने तक उसे मां के दूध से ही पूरा पोषण मिलता है। ऐसे में मां द्वारा खाया जाना वाला आयोडिन बच्चे की सेहत पर अपना प्रभाव डालता है। मगर इसकी कमी के कारण बच्चे को हाइपोथायरायडिज्म की परेशानी होने का खतरा रहता है। इसके कारण थायरायड ग्रन्थि में सूजन आने लगती है। ऐसे में ड्राई स्किन, हेयर फॉल, वजन बढ़ना, तनाव आदि की समस्याएं हो सकती है। इसके अलावा अन्य चीजों की कमी के साथ सही विकास होने में भी बाधा हो सकती है। 

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सही मात्रा में आयोडीन मिलना जरूरी

बच्चे को आयोडीन की कमी ना हो इसके लिए मांओं को अपनी डाइट का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। इसके लिए उन्हें गर्भावस्था में भी सही मात्रा में आयोडीन की कमी या अधिकता से बचना चाहिए। इसके अलावा बच्चे को उसकी उम्र के हिसाब से ही आयोडिन देना चाहिए। 

आयोडीन की उचित मात्रा

- गर्भावस्था के दौरान मांओं को एक दिन में करीब 248-250 माइक्रो ग्राम आयोडीन का सेवन करना चाहिए।
- 1 साल के बच्चे को 50 माइक्रोग्राम
- 2 से 6 वर्ष बच्चों को 91 माइक्रोग्राम 
- 7 से 12 वर्ष के बच्चों को 118 मिलीग्राम 
- 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को लगभग 151 मिलीग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है। 

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1 ग्राम आयोडाइज्ड नमक में 15-15.2 माइक्रो ग्राम आयोडीन की मात्रा पाई जाती है। एक रिसर्च के अनुसार, भारत के ग्रामीण इलाकों में आज भी लगभग 24.5-25 प्रतिशत लोगों में आयोडीन की कमी है। इसके लिए जरूरी है कि किसी चीज को खरीदने से पहले उसमें आयोडीन की मात्रा चैक करें। आपको बता दें कि किसी भी चीज के पीछे सूरज का चिह्न आयोडिन के बारे में बताता है।

बड़े बच्चों में इसकी कमी के कारण होने वाली समस्याएं

बड़ों बच्चों में इसकी कमी होने से थायरॉयड की परेशानी हो सकती है। ऐसे में उन्हें कब्ज, सुस्ती, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, तनाव, आंखों में सूजन, विकास में बांधा आदि की परेशानी हो सकती है। इसके कारण बच्चे स्कूल में भी अपना बेस्ट नहीं दे पाता है। इसे दवाइयों से भी ठीक किया जा सकता है। मगर कई बच्चों को लंबे समय तक इसकी दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। मगर इससे बच्चा हैल्दी जीवन जीने लगेगा।

आयोडीन युक्त नमक से कमी करें पूरा

आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए आपको बाजार में आयोडीन से भरपूर नमक मिल जाएगा। इसके अलावा डेयरी प्रॉडक्ट्स, सी फूड्स, प्याज, आलू, शकरकंद, लहसुन, ब्राउन राइस, मुनक्का, दही, चुकंदर आदि चीजों में भी सही मात्रा में आयोडीन पाया जाता है। इनके सेवन से इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके साथ ही बच्चों हाइपोथायरायडिज्म की परेशानी होने से बचाया जा सकता है। 

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