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किन्हें रखना चाहिए शनिवार का व्रत? जानिए व्रत से जुड़ी जरूरी बातें

  • Edited By Harpreet,
  • Updated: 19 Jun, 2020 10:08 AM
किन्हें रखना चाहिए शनिवार का व्रत? जानिए व्रत से जुड़ी जरूरी बातें

आपने अक्सर अपने जीवन काल में लोगों को कहते सुना होगा कि वह व्यक्ति शराब पीता है, जुआ खेलता है गलत काम करता है, मगर फिर भी उसके जीवन में कोई परेशानी नहीं है। ऐसा तब होता है जब उस व्यक्ति के भाग्य में उसके पिछले जन्म में किए शुभ कर्म उसका साथ दे रहे होते हैं। बात अगर करें आप अपने जीवन में खुशियां कैसे पा सकते हैं, तो उसके लिए आपको शनि देव को प्रसन्न करना होगा।

किन-किन को रखना चाहिए व्रत?

कुछ लोग अक्सर दूसरे व्यक्ति को देखकर बस यूं ही शनि देव का व्रत रखना शुरु कर देते हैं। मगर शनि देव का व्रत केवल उन्हें ही रखना चाहिए जिन्हें शनिवार वाले दिन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। जैसे कि अगर आपने नोटिस किया हो कि अक्सर शनिवार वाले दिन ही आपका किसी न किसी व्यक्ति से झगड़ा हो जाता है। या फिर इस दिन आपको पैसों से जुड़ा कोई भारी नुकसान झेलना पड़ता है या आपके द्वारा लिया गया नया वस्त्र या कोई भी अन्य चीज जल्द खराब व टूट जाती है, तब आपके लिए शनिवार का व्रत रखना फलदायी हो सकता है। अगर आप खुद को दुनिया का सबसे दुर्भाग्यशाली व निराश व्यक्ति मानते हैं तब भी आपके लिए शनिवार का व्रत रखना शुभ सिद्ध हो सकता है।

राशियों में से किन्हें रखना चाहिए व्रत?

-वृषभ और तुला राशि वालों के लिए शनिवार का व्रत करना अति अनिवार्य है। 
-मेष वाले लोग जिन्हें नौकरी इत्यादि की चिंता है, उन्हें भी शनिवार का व्रत आवश्य करना ही चाहिए।
-मिथुन राशि वालों की अगर सेहत ढीली रहती है तो आपके लिए शनि देव की पूजा करना लाभदायक सिद्ध होगा।
-कर्क राशि वाले यदि पति-पत्नी के बीच नहीं बनती, तो शनिवार का व्रत जरूर करें, इससे संबंधों में मधुरता आएगी।
-वृषचिक वाले आलस को दूर भगाने के लिए व्रत करें, अगर कहीं धन से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तब भी व्रत कर सकते हैं।
-धनु राशि वाले संतान सुख के लिए व्रत करें।
-कुंभ राशि वाले लोग शनिवार का व्रत न करें।

व्रत के दौरान रखें इन बातों का खास ध्यान

- सूर्योद्य से पहलें उठ जाएं, और जल में थोड़ा सा काजल डालकर स्नान कर लें।
- स्नान के बाद मिट्टी का दिया लेकर उसमें सरसों का तेल डालें, और दीया जलाकर व्रत का शुभारंभ कर दें।
- उसके बाद सारा दिन आपको कुछ नहीं करना, भूख लगने पर फलों का सेवन करना है।
- सूर्यअस्त के बाद एक बार स्नान कर लें, अगर नहीं तो हाथ-पांव धोकर कपड़े बदल लें।
- पश्चात पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं, और शनिवार व्रत की कथा पढ़ लें।
- हो सके तो पीपल पेड़ के नीचे ही कथा पढ़ लें, नहीं तो घर आकर भी पढ़ सकते हैं।
- कथा के पश्चात, उड़द दाल की खिचड़ी किसी ब्रहाण को दान करें।
- खुद भी उसी खिचड़ी के साथ अपना व्रत संपूर्ण कर लें।

व्रत करने से मिलने वाले लाभ

-परिवार में हर तरह की परेशानियां, मानसिक तनाव और दुख दूर होंगे।
-बच्चों के साथ आपका रिश्ता प्रेम और स्नेह भरा होगा।
-बच्चे आपका आदर सम्मान करेंगे।
-पैसों से जुड़ी हर समस्या का हल निकलेगा।
-घर में और जीवन में हमेशा पॉजिटिव माहौल बना रहेगा।
 

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