ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्के जमने को कभी-कभी अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आपको कहीं चोट लगती है तो थक्के शरीर से ज्यादा खून निकलने से रोकते हैं। हालांकि ब्लड क्लॉट कभी-कभी खतरनाक भी होते हैं। क्योंकि रक्त वाहिकाओं में होने वाली ब्लड क्लॉटिंग की समस्या के कारण अंगों को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता है। जिस कारण शरीर में गंभीर परेशानियां खड़ी हो सकती है। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि कैसे शरीर के कुछ अंगों में खून का थक्का बनने पर जा सकती है आपकी जान। तो चलिए जानते है उसके बारे में।
फेफड़े
फेफड़े में खून का थक्का बनने से धड़कन तेज हो जाती है। खांसी में खून, सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। अगर आपको कुछ ऐसा महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाए। क्योंकि आपकी जरा सी लापरवाही से बीमारी और बढ़ सकती है।
दिल
दिल में खून का थक्का बनने पर आपको फेफड़ों में थक्के के समान लक्षण महसूस हो सकते हैं। लेकिन अगर आपको दिल का दौरा पड़ा है, तो आपको सीने में दर्द के साथ मतली और उल्टी भी महसूस हो सकती है।
मस्तिष्क
खून का थक्का बनने से मस्तिष्क में गंभीर रुकावट पैदा हो सकती है। दरअसल रक्त से ऑक्सीजन के बिना आपके मस्तिष्क की कोशिकाएं मिनटों में मरना शुरू हो जाती हैं। आपके मस्तिष्क में मौजूद थक्का सिर के एक हिस्से में दर्द, भ्रम, दौरे, बोलने में परेशानी और कमजोरी का कारण बन सकता है।
पेट
पेट और भोजन नली की नसों में थक्का बनने से कट लग सकता है, जिससे ब्लड निकल सकता है। ये आपको बहुत ज्यादा परेशान कर सकता है। आपको खून की उल्टी हो सकती है या फिर आपको मलत्याग में कालापन और बहुत ज्यादा बदबू आ सकती है।
किडनी
किडनी में खून के थक्के का पता तब तक नहीं चलता जब तक इसका एक टुकड़ा टूटकर आपके फेफड़ों में नहीं फंस जाता है। कहा जाता है कि किडनी में खून थक्के बच्चों में देखने को मिलते है। जिस कारण उन्हें मतली, बुखार और उल्टी जैसी परेशानी रहती है और पेशाब में भी खून आ सकता है।