टीनएज में कदम रखते ही बच्चों के शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। इस दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव भी होते हैं। शरीर के साथ-साथ टीनएज में बच्चों में कुछ भावनात्मक बदलाव भी होते हैं। जैसे कुछ बच्चे टीनएनज में पढ़ाई या फिर किसी और बात को लेकर कई बार डिप्रेशन में भी चले जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स बच्चों की हालत देखकर और भी परेशान हो जाते हैं। आज आपको अपने इस आर्टिकल के जरिए कुछ ऐसेटिप्स बताते हैं जिनके जरिए आप टीनएज बच्चों में डिप्रेशन दूर कर पाएंगे।
प्यार से समझाएं
यदि आप देखते हैं कि बच्चा डिप्रेशन में जा रहा है तो उसके साथ प्यार से पेश आएं। बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। उससे बात करें। कोशिश करें कि वह आपसे सारी बात बता पाए। बात करने से बच्चे को मन हल्का होगा और वह डिप्रेशन से भी दूर ही रहेगा।
हरकतों पर दें ध्यान
वर्किंग होने के कारण पेरेंट्स को कई बार पता नहीं चल पाता कि उनके बच्चे डिप्रेशन में जा रहे हैं। ऐसे में कोशिश करें कि अपने बच्चों को पूरा समय दें। यदि आपको उनकी हरकतें कुछ अलग लगती हैं तो इस बारे में उनसे बात करें। इमोशनल सपोर्ट के साथ ही आप उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों को सामना करना सिखा सकते हैं।
बच्चों को लिखने की आदत डालें
शोधकर्ताओं की मानें तो लिखने से बच्चों को अपनी दबी भावनाओं को बाहर निकालने में मदद मिलती है। रोज तकरीबन 20 मिनट लिखने से बच्चों को काफी फायदे होते हैं। इससे बच्चा हल्का भी महसूस करेगा और शब्दों से उसे पॉजिटिविटी भी मिलेगी। इसके अलावा लिखने से हार्ट रेट भी अच्छा होता है।
बच्चे के मनोबल बढ़ाएं
यदि टीनएजर बच्चे बहुत उदास रहने लगे हैं तो उन्हें एहसास दिलवाएं कि आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण कह्या है। उन्हें बेकार की बातों में उलझने की जगह जीवन में आगे बढ़ने की सीख दें। इसके अलावा आप उन्हें योग या मेडिटेशन करने के लिए कह सकते हैं।
साथ में घूमने ले जाएं
जगह बदलने के साथ भी बच्चे का मूड चेंज होता है। किसी प्राकृतिक स्थान पर आप उन्हें घूमने ले जा सकते हैं। प्रकृति में समय बिताकर वह शांत भी महसूस करेगे।