नारी डेस्क: क्या हंसने से आंखों की रोशनी में सुधार हो सकता है? हालिया लंदन में की गई रिसर्च ने इस पर एक नई रोशनी डाली है, जिसमें पता चला है कि हंसने से आंखों की ड्राइनेस को कम करने में मदद मिल सकती है। इस अध्ययन ने साबित किया है कि ठहाके मारकर हंसना सिर्फ मन को खुशी नहीं देता, बल्कि यह आंखों के लिए एक प्रभावी और Natural उपचार भी है। आइए, जानें इस दिलचस्प रिसर्च के बारे में!
आंखों की ड्राइनेस का बड़ा मुद्दा
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन के दौरान पाया कि लगभग 36 करोड़ लोग ड्राई आई सिंड्रोम से पीड़ित हैं। ब्रिटेन में हर 7 में से एक व्यक्ति आंखों की समस्याओं का सामना कर रहा है, जिसमें खुजली और लालपन शामिल हैं। ऐसे में यह शोध महत्वपूर्ण साबित हुआ है।
लाफ्टर थेरेपी एक सस्ता और प्राकृतिक उपाय
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दो समूहों का निर्माण किया। एक समूह को हंसने की एक्सरसाइज कराई गई, जबकि दूसरे समूह का इलाज आई ड्रॉप्स के माध्यम से किया गया। पहले समूह को दिन में चार बार हंसने का समय दिया गया, जबकि दूसरे समूह को समान समय पर आई ड्रॉप्स का उपयोग करना पड़ा।
अध्ययन के अंत में यह पाया गया कि लाफ्टर थेरेपी ने आई ड्रॉप्स की तुलना में बेहतर परिणाम दिए। इसका मतलब है कि अब आंखों की ड्राइनेस को दूर करने के लिए महंगे आई ड्रॉप्स की जरूरत नहीं, बल्कि हंसना बेहतर है।
अध्ययन की प्रक्रिया
अध्ययन में शामिल दोनों समूहों की देखरेख की गई, और आठ हफ्तों तक इन्हें लगातार इसी तरीके से प्रैक्टिस करवाई गई। अंत में, लाफ्टर थेरेपी को अधिक प्रभावी माना गया, जिससे यह साबित होता है कि हंसने से न केवल मन को खुशी मिलती है, बल्कि यह आंखों की सेहत के लिए भी लाभदायक है।
यह रिसर्च यह दर्शाता है कि हंसने से सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता, बल्कि यह आंखों के लिए भी एक कारगर उपाय हो सकता है। ड्राई आई सिंड्रोम से परेशान लोगों के लिए यह शोध एक आशा की किरण है, जो महंगे उपचारों के मुकाबले एक सरल और सस्ता विकल्प प्रस्तुत करता है।
तो अगली बार जब आपको अपनी आंखों में सूजन या खुजली महसूस हो, तो महंगे आई ड्रॉप्स की बजाय एक अच्छी कॉमेडी फिल्म देखें और खुलकर हंसें! आपकी आंखें आपको धन्यवाद देंगी।