जब बच्चा 6 महीने का हो जाता है तो उसके दांत निकलने शुरू हो जाते है। यह प्रक्रिया 6 से 24 महीने के बीच तक चलती है। इस टाइम पीरियड परल बच्चे के मसूड़़ों में असहनीय दर्द होता है। इसके कारण उसके स्वभाव में बदलाव आता है। वह चिड़चिड़ा स्वभाव करता है। लगातार बेवजह रोता है। इस सिचुएशन में बेबी को उतना हीू दर्द होता है जितना बड़ों को अकल दांत आने पर होता है। मगर इस परिस्थिति से बच्चों का निपटना मुश्किल होता स है। ऐसे में नवजात बच्चे के दांत आने पर उसे होने वाले से आराम दिलाने के लिए कुछ घरेलू उपायों को आजमा सकते है। तो चलिए जानते है उन उपायों के बारे में
लक्षण
- स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना
- लगातार हाथों को मुंह में रखना
- बिना मतलब लगातार रोते रहना
- दर्द की वजह से ठीक से खाना न खाना
- नींद पूरी न होना
- दर्द को कम करने के लिए बार-बार गालों को रगड़ना
- मुंह के चारों तरफ हल्के निशान के चकत्ते पड़ना
अगर आपके बच्चे के दूध के दांत आ रहे है। ऐसे में उसके दर्द को कम करने के लिए किसी दवा की जगह घरेलू उपायों को अपना सकते है।
मसूड़ों की मालिश करें
बच्चे के मसूड़ों की मालिश कर सकते हैं। इसे करने के लिए पहले अपने हाथों को धो लें। अब आप अपनी तर्जनी उंगली यानी इंडेक्स फिंगर से बच्चे के मसूड़ों की हल्के हाथों से मालिश करें। इससे दांत पर मसूड़ों के फटने की वजह से होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
टीथिंग रिंग
बच्चे की इस परेशानी को दूर करने के लिए टीथिंग रिंग लाकर दें। यह एक खिलौना होता है। इससे बच्चा खेलता है और खुश रहता है। इसे चबाने से उसे मसूड़ों के दर्द को कम करने में सहायता मिलती है। आप चाहे तो बेबी को टीथिंग रिंग या बेबी टूथर्स देने से पहले उसे ठंडा कर सकती है। इससे बच्चे के मसूड़ों को ठंडक पहुंचने के साथ आराम भी मिलेगा।
फ्रोजन क्लॉथ
बच्चे के मसूड़ों पर ठंडी चीजें रखने से दर्द से आराम मिलता है। इसके लिए एक साफ कपड़ा लेकर उसे गीला कर 20-30 मिनट के लिए फ्रिजर में फ्रिज होने रखें। उसके बाद इसे बच्चे को पकड़ा दें। बच्चों को हर चीज मुंह में डालने की आदत होती है। ऐसे में वह इसे भी मुंह में डालने और चबाने की कोशिश करेगा। इसतरह उसके मसूड़ों में ठंडक पहुंचेगी। साथ ही उसके मसूड़ें थोड़ी देर तक सुन्न रहेंगे। इससे उसे कुछ समय तक आराम मिलेगा।
अदरक की जड़
अदरक में एंटी- बैक्टीरियल, एंटी- ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लामेटरी गुण पाएं जाते है। इससे दांत और मसूड़ों में होने वाले दर्द से आराम मिलता है। इसके लिए आप 1 अदरक की जड़ को छीलकर साफ करें। फिर उसे कुछ मिनटों के लिए बेबी के मसूड़ों पर हल्के हाथों से रगड़े।
लौंग का पाउडर
दांत के दर्द में लौंग का पाउडर औषधीय स्वरूप माना जाता है। यह दांतों की सड़न से लेकर, शुरूआती दांत आने पर बच्चे को होने वाले असहनीय दर्द से छुटकारा दिलाता है। इसके लिए लौंग के पाउडर में नारियल तेल, बटर और पानी मिक्स कर गाढ़ा सा पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को ठंडा कर बच्चे के मसूड़ों पर अपनी अंगुली से धीरे-धीरे रगड़े।
चेहरे की मालिश
दांत के आने के समय में बेबी के गाल और कानों में भी दर्द होता है। ऐसे में हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में बच्चे के चेहरे की मालिश करें।