बच्चों को कब्ज होना एक आम समस्या है। जब बच्चे दूध के अलावा ठोस आहार लेना शुरु करते हैं तो उन्हें कब्ज की समस्या होती है। कुछ बच्चों में कब्ज की परेशानी आम होती है वहीं कुछ बच्चों में यह समस्या भयंकर परेशानी का कारण भी बन सकती है। कब्ज के कारण कई बार बच्चे को असहनीय दर्द हो सकता है। ऐसे में आपको अपने शिशु की डाइट को लेकर सावधानी बरतने की जरुरत है। छ: महीने तक के बच्चों के लिए संपूर्ण पोषण प्रदान करने के लिए सबसे बेहतर होता है जो मां का दूध जो बच्चे इस उम्र तक मां का दूध पीने की जगह फॉर्मूला मिल्क पीते हैं उन्हें भी कब्ज होने की ज्यादा संभावना होती है। मां का दूध बच्चों को बहुत आसानी से पच जाता है वहीं फॉर्मूला मिल्क पचाने में उन्हें मुश्किल होती है। ऐसे में आज आपको बताते हैं कि बच्चों को कब्ज क्यों रहती है और आप उन्हें इस परेशानी से कैसे राहत दिलवा सकते हैं।
क्यों होती है शिशु को कब्ज?
. जब बच्चे खाली पेट रहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उन्होंने आज कितना दूध पिया है। बच्चों को बिल्कुल भी खाली पेट न रहने दें। पर्याप्त मात्रा में उन्हें दूध दें।
. जब तक बच्चा एक साल का नहीं हो जाता तो उसका मुख्य आहार दूध ही रखें। ज्यादा ठोस आहार लेने से भी बच्चों को कब्ज की परेशानी हो सकती है।
. बच्चों की डाइट में फलों का जूस, दाल का पानी आदि शामिल करें। पानी की कमी के कारण भी उन्हें कब्ज की समस्या हो सकती है।
. मां यदि सही खान-पान नहीं करती, फाइबर युक्त भोजन नहीं करती तो भी बच्चे को कब्ज की समस्या हो सकती है क्योंकि बच्चा मां के दूध पर ही निर्भर होता है।
ये घरेलू तरीके आएंगे काम
. यदि आपका बच्चा कब्ज से परेशान रहता है तो उसे जीरा, हींग और देसी घी डालकर दलिया या फिर मूंग की दाल की खिचड़ी दें।
. कब्ज के लिए आलूबुखारा भी अच्छा होता है यह कब्ज को रोकता है। आप बच्चे को इसका जूस दे सकते हैं।
. चुटकी भर हींग लें और इसे पानी में मिलाकर बच्चे की नाभि के आस-पास रगड़ते हुए मालिश करें। इससे भी बच्चे को कब्ज से राहत मिलेगी।
. गाजर भी कब्ज में बेहद फायदेमंद मानी जाती है। गाजर घिसकर उसे दूध में पकाकर यदि आप बच्चे को खिलाते हैं तो भी उन्हें कब्ज से आराम मिलेगा।