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गणेश जी के इस मंदिर में पूरी होती है प्रेमियों की मुराद, जानिए कैसे पड़ा नाम

  • Edited By palak,
  • Updated: 03 Sep, 2022 05:04 PM
गणेश जी के इस मंदिर में पूरी होती है प्रेमियों की मुराद, जानिए कैसे पड़ा नाम

गणेश चतुर्थी का पवित्र पर्व पूरे भारत में इन दिनों बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान कई लोग गणेश जी के दर्शन करने के लिए मंदिरों में भी जाते हैं। भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जो अपनी प्राचीन मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। ऐसे ही एक मंदिर के बारे में आज आपको बताने जा रहे हैं। यह मंदिर गौर पुत्र गणेश जी का है। इस मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि जहां पर हर किसी प्रेमी-प्रेमिका की मुराद गणेश जी सुनते हैं और पूरी भी करते हैं। हर साल गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर मेला भी लगता है। कई प्रेमी जोड़े अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए गजानन के दर्शन करने के लिए जाते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं एक ऐसे ही मंदिर की कहानी के बारे में...

राजस्थान के जोधपूर में स्थित है इश्किया मंदिर 

यह मंदिर राजस्थान के जोधपूर में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि जो प्रेमी जोड़े अपनी मुराद लेकर मंदिर में जाते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यदि कोई कुंवारा इस मंदिर में जाकर पूजा-पाठ कर ले तो सिर्फ दर्शन करने से ही उनकी शादी भी तय हो जाती है। रास्ते में आ रही सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। मंदिर में जाने वाले हर प्रेमी-प्रेमिका जोड़े की गणपति सुनते हैं और उन्हें अपना आशीर्वाद भी देते हैं। 

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100 साल पुराना है इश्किया मंदिर 

जोधपूर में स्थित इश्किया मंदिर 100 साल पुराना है। मंदिर की स्थापना गुरु गणपति के मंदिर के रुप में की गई थी। लेकिन आज पूरे भारत में यह मंदिर प्रसिद्ध हैं। यहां बड़ी संख्या में लोग बप्पा के दर्शन करने के लिए आते हैं। खासकर मंदिर में वह लोग भी आते हैं जिनकी शादियां नहीं होती। परिवार वाले भी आकर अपने बच्चों के लिए मंदिर में दुआएं मांगते हैं। 

गणेश जन्मोत्सव पर देखने वाली होती है मंदिर की रौनक 

गणेश उत्सव के दौरान इश्किया मंदिर में बहुत ही रौनक होती है। इस मंदिर में उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान मंदिर को बहुत ही अच्छे से सजाया जाता है। मंदिर की रौनक भी देखने लायक होती है। 

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इसलिए पड़ा नाम इश्किया 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मंदिर एक ऐसी जगह पर स्थित था, जहां पर बहुत ही कम लोग जाते थे। इसी कारण प्रेमी जोड़े यहां पर आकर छिपकर मिलने लगे थे। समय के साथ-साथ यहां प्रेमी जोड़ों की भीड़ आने लग गई और गणेश जी सारे प्रेमियों की मनोकामना पूरी करते थे। यहां आकर प्रार्थना करने से गणेश जी की कृपा से लोगों की शादी होने लग गई। इसलिए मंदिर को इश्किया कहते हैं। मंदिर में हर बुधवार को प्रेमियों के लिए मेला भी लगता है। 

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