चॉकेलट हर किसी की पहली पसंद होती है, लेकिन कई बार पसंद आपकी जान का जोखिम बन सकती है। जी, हां आज आपको ऐसी ही फेमस चॉकलेट बनाने वाली कंपनी Hershey के बारे में बताएंगे। रिपोर्ट्स की मानें तो हर्शीज पर मुकदमा हो गया है हर्शिज के प्रोडक्ट्स में खतरनाक मेटल पाए गए हैं जिसके बाद ग्राहक ने कंपनी को अदालत में घसीट दिया है। ग्राहक ने इस बात का दावा किया है कि हर्शीज के चॉकलेट बार में सीसा(Lead) और कैडमियम (Cadmium ) की मात्रा पाई गई है। इस तरह के हैवी मेटल का सेवन करने से कई तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं। आपको बता दें कि भारत में हर्शीज का चॉकलेट सीरप काफी फेमस है।
क्रिस्टोफर लजाजरो नाम के व्यक्ति ने किया कंपनी पर केस
एक नामी वेबसाइट के अनुसार, क्रिस्टोफर लजाजरो नाम के एक व्यक्ति ने हर्शिज पर मुकदमा किया है। उस व्यक्ति का कहना है कि कंपनी अपनी चॉकलेट बार में सीसे और कैडमियम की मात्रा के बारे में ग्राहकों को सही जानकारी नहीं देती है, इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि वह इस बात से पहले वाकिफ होते हैं तो कंपनी के प्रोडक्ट्स को कभी नहीं खरीदते। हालांकि इस बारे में हर्शीज ने किसी भी तरह की टिप्पणी देने से साफ मना कर दिया है। कई शोधों में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि डॉर्क चॉकलेट में शुगर काफी कम मात्रा में पाई जाती है और यह एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह काम करती है इसका सेवन करने से दिल संबंधी बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
सेवन करने से पड़ सकते हैं बीमार
वहीं कंपनी के खिलाफ दायर किए गए मुकदमे में अमेरिका के एक मैगजीन Consumer Reports की एक स्टडी का भी दावा किया गया है। इसके 28 तरह की डॉर्क चॉकलेट बार में सीसे और कैडमियम की मात्रा का अध्ययन किया गया है जिसमें इस बात का दावा किया गया है कि इनमें से 23 में मेटल की मात्रा जरुरत से ज्यादा है। इस अध्ययन में Hershey(हर्शीज), गोडिवा (Godiva) और लिंडिट (Lindit) ब्रांड के चॉकलेट शामिल है। रोजाना इस तरह की सिर्फ 28 ग्राम यानी की एक औंस चॉकलेट खाने से आप बीमार भी पड़ सकते हैं।
कंपनी से मांगा 50 लाख डॉलर का हर्जाना
न्यूयॉर्क के फेडरल कोर्ट में इस मुकदमे को दायर किया गया है। आरोपकर्ता लजाजरो का कहना है कि यदि उन्हें पता होता कि चॉकलेट में सीसा और कैडमियम है तो वह कभी भी इन कंपनियों के प्रॉडक्ट्स को नहीं खरीदते। इसके अलावा लजाजरो का कहना है कि ग्राहक कंपनियों से उनके इंग्रीडिएंट के बारे में सच बोलने की उम्मीद करती है लेकिन कंपनियां उन्हें गुमराह करती हैं। इसी के कारण लजाजरों ने कंपनी से 50 लाख डॉलर का हर्जाना भी मांगा है।