मुंबई अंडरवर्ल्ड की दुनिया में गुजरात की गंगूबाई काठियावाड़ी का दबदबा रहा। एक वक्त ऐसा भी था जब गंगूबाई की मर्जी के बिना बड़े-बड़े गैंगस्टर भी कोठे पर कदम नहीं रख सकते हैं। आज हम आपकाे कहानी बताने जा रहे हैं उस गंगूबाई काठियावाड़ी की जिनके जीवन पर संजय लीला भंसाली एक फिल्म लेकर आ रहे हैं, इसमें आलिया भट्ट लीड रोल निभाती नजर आएंगी। फिल्म के साथ- साथ लोगों गंगूबाई की कहानी को जानने के लिए भी उत्सुक हो गए हैं।
गंगा से बन गई गंगूबाई
गंगूबाई काठियावाड़ी का असली नाम गंगा हरजीवनदास था और वह गुजरात के एक समृद्ध परिवार से ताल्लुक रखती थीं। एक पुरानी कहावत है कि कोई इंसान बुरा नहीं होता, उसे बुरा बनाते हैं उसके हालात। गंगा हरजीवनदास के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। एक धोखे ने उनकी जिंदगी इस कदर बदल दी कि गुजरात की गंगा कब गंगूबाई बन गई पता ही नहीं चला।
पति ने 500 रुपये में बेच दिया था कोठे में
गंगूबाई बचपन में अभिनेत्री बनना चाहती थीं। 16 साल की उम्र में उन्हे अपने पिता के अकाउंटेंट से प्यार हो गया और वह सब छोड़कर मुंबई भाग गईं। गंगूबाई के सपना उस समय टूट गया जब पति ने धोखा देकर उन्हे 500 रुपये में कोठे पर बेच दिया। पति के सौदेबाजी की वजह से वह कुख्यात अपराधियों के संपर्क में आ गई। बताया जाता है कि कुख्यात अपराधी लाला की गैंग के एक सदस्य ने गंगूबाई के साथ बलात्कार किया था।
अनाथ बच्चों के लिए भी किए कई काम
इंसाफ की मांग के लिए गंगूबाई करीम लाला से मिलीं और राखी बांधकर उसे अपना भाई बना लिया। इस एक घटना ने गंगा की जिंदगी बदल दी और यहीं से गंगा के गंगूबाई काठियावाड़ी बनने की असली कहानी शुरू हुई। धीरे- धीरे वह मुंबई के सबसे नामचीन वेश्यालय की मालकिन बन गई। ऐसा कहा जाता है कि गंगूबाई किसी भी लड़की को उसकी बिना मर्जी के कोठे में नहीं रखती थीं। वह सेक्स वर्कस और अनाथ बच्चों की मदद के लिए बहुत काम किया करती थी।