नारी डेस्क: मोदी सरकार लड़कियों को गैर-पारंपरिक नौकरियों के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से एक पायलट प्रोजेक्ट लेकर आ रही है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को उन क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना है, जहां परंपरागत रूप से पुरुषों का वर्चस्व रहा है, जैसे कि तकनीकी, निर्माण, और अन्य उच्च-कौशल वाली नौकरियां। इस पहल का उद्देश्य कार्यबल में प्रवेश करने में महिलाओं के सामने आने वाली बाधाओं को दूर करना है।
जल्द शुरू किया जाएगा ये प्रोजेक्ट
पायलट प्रोजेक्ट 2-3 हफ्तों में शुरू किया जाएगा, जिसके तहत डिजिटल स्किलिंग, डिजिटल मार्केटिंग और जनरल पर्सनालिटी ओरिएंटेशन के साथ-साथ नॉन-ट्रेडिशनल नौकरी भूमिकाओं में ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। इस कार्यक्रम से वर्क फोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। किशोरियों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्पेशल प्रोजेक्ट की शुरूआत (इंट्रोडक्शन ऑफ स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर एम्पॉवरिंग एडोलसेंट गर्ल्स एंड वीमेन)' के हिस्से के रूप में, 14-18 साल की लड़कियों को उनकी शिक्षा जारी रखने के दौरान उनके स्कूलों एवं घरों के नजदीक ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।
महिलाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित
महिलाओं को उन क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा, जो पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा किए जाते हैं, जैसे कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल वर्क, आईटी और निर्माण कार्य। इन नौकरियों में महिलाएं कम ही देखी जाती हैं, और इस योजना के माध्यम से इस अंतर को कम करने का प्रयास किया जाएगा। यह पायलट प्रोजेक्ट सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से चलाया जाएगा। इसके तहत प्रशिक्षण के लिए जरूरी सुविधाएं, उपकरण, और पाठ्यक्रम सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
लड़कियों और महिलाओं को किया जाएगा प्रोत्साहित
यह योजना मुख्य रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की लड़कियों और महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिन्हें इस प्रकार के नौकरियों में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना से महिलाएं नई और बेहतर नौकरियों में प्रवेश कर सकेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।वहीं गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से लैंगिक असमानता में कमी आएगी। इस पहल से समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
सरकार ने उठाया महत्वपूर्ण कदम
मोदी सरकार का यह पायलट प्रोजेक्ट महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें गैर-पारंपरिक नौकरियों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।इस पहल को कार्यबल भागीदारी में लैंगिक अंतर को पाटने और भारत के आर्थिक विकास में योगदान देने में महिलाओं की अपार क्षमता को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रस्तुत किया गया था।