'स्वर कोकिला' भारत रत्न गायिका लता मंगेशकर आज अपना जन्मदिन मना रहीं है। 92 साल की गायिका के सामने भारत ही नहीं बल्कि पूरा दुनिया नतमस्तक है। सुरों की जादूगर लता मंगेशकर को बचपन से ही संगीत में रुचि थी और महज 5 साल की उम्र में उन्होंने पिता से संगीत का पाठ पढ़ना शुरू कर दिया था। फिल्मी करियर में अब तक अनगिनत गानें गा चुकी लता जी के बारे में आज हम आपकों ऐसी बात बताने जा रहें हैं, जो शायद आपने पहले नहीं सुनी होगी।
मराठी फिल्म के लिए गाया था पहला गाना
पिता की मौत के बाद लता ने परिवार पालने के लिए बहुत कम उम्र में मंच पर गाना शुरू कर दिया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्हें पहली बार मंच पर गाने के लिए मजह 25 रुपए मिले थे। इसे वह अपनी पहली कमाई मानती हैं। उन्होंने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म'किती हसाल के लिए गाना गाया। लता मंगेशकर ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था, 'पिताजी जिंदा होते तो मैं शायद सिंगर नहीं होती।'
13 साल की उम्र में सभाली परिवार की जिम्मेदारी
लता जी ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि 1942 में पिता की मृत्यु के बाद उन पर मुसीबत का पहाड़ टूट गया था। 13 साल की उम्र में ही उन पर परिवार का बोझ आ गया था। लता को अभिनय पसंद नहीं था, लेकिन पैसो की तंगी के कारण उन्होंने कुछ हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने मंगला गौर (1942), माझे बाल (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी मां (1945), जीवन यात्रा (1946) जैसी फिल्मों में लता ने छोटी-मोटी भूमिकाएं अदा की। उन्होंने यह भी कहा था, कि पिताजी जिंदा होते तो मैं शायद सिंगर नहीं होती।'
1948 में दिया पहला हिट गाना
1942 में रिलीज हुई मंगला गौर में लता की आवाज सुनने को मिली। गुलाम हैदर ने लता से 'मजबूर' (1948) में एक गीत 'दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का ना छोड़ा' गवाया। यह गीत लता का पहला हिट माना जा सकता है। इसके बाद से तो उन्होंने मुडकर कभी देखा ही नहीं। 1970 के दशक के दौरान, लता ने बॉलीवुड अभिनेत्री मीना कुमारी के लिए फिल्म पाकीज़ा में गाने रिकॉर्ड किए, जिसने उन्हें पहचान और लोकप्रियता दिलाई।
खुद का खोला प्रोडक्शन हाउस
सिलसिला, फासले, विजय, चांदनी, कर्ज, एक दूजे के लिए, आसपास, अर्पण, नसीब, क्रांति, संजोग, मेरी जंग, राम लखन, रॉकी, फिर वही रात, अगर तुम न होते, जैसी सैकड़ों फिल्म में लता जी के गाए गीत गली-गली गूंजते रहे। 1990 में उन्होंने अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस स्थापित किया।