भारतीय खाने का अपना अलग ही मजा है। अलग-अलग राज्यों के पकवानों का नाम सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है। जैसे गुजरात का जलेबी फाफड़ा और राजस्थान की दाल बाटी चूरमा। दाल बाटी चूरमा राजस्थान की एक ऐसी डिश है जिसे हर कोई खाना पसंद करता है। खासकर अगर इसके टेस्ट में एक दो फ्लेवर और भी एड कर दिए जाएं तो स्वाद और भी लाजवाब आता है। यह दिखने में तो स्वाद होती है लेकिन बनती भी एकदम कड़क है। अगर आप भी घर में राजस्थानी दाल बाटी चूरमा का मजा लेना चाहती हैं तो बनाने से पहले इन टिप्स को जरुर फॉलो कर लें। आइए जानते हैं इनके बारे में...
सही तरीके से गूंथे आटा
आटा गूंथने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि यह ज्यादा सख्त न हो। बाटी बनाने के लिए हमेशा सॉफ्ट आटा ही गूंथे। रोटी के लिए भले ही नरम आटा गूंथ लें लेकिन बाटी का आटा नरम नहीं होना चाहिए। बाटी का आटा हमेशा सख्त ही गूंथे। सख्त आटा गूंथने से इसका स्वाद भी बढ़कर आएगा और यह क्रिस्पी भी बनेगी।
घी की मात्रा का रखें ध्यान
बाटी बनाते समय घी भी एक सही मात्रा में ही डालें। यदि घी बाटी में सही मात्रा में नहीं होगा तो यह बिल्कुल भी स्वाद नहीं बनेगी। इसके अलावा बाटी में जो ऊपर से क्रिस्पीनेस और सॉफ्टनेस आती है वह भी नहीं आ पाएगी। बाटी में घी मसाले डालने के साथ-साथ दही भी जरुर डालें। इससे स्वाद और भी ज्यादा आएगा।
थोड़ी देर रखें आटा
बाटी का आटा गूंथने के तुरंत बाद ही बाटी बनाना न शुरु करें। आटा गूंथने के कम से कम 30 मिनट तक ढककर रखें। तब तक आप दाल, चूरमा और बाकी चीजें तैयार करके रख लें।
नहीं है तंदूर तो ओवन करें इस्तेमाल
वैसे बाटी तंदूर में बनाई जाती है लेकिन यदि आपके पास तंदूर नहीं है तो आप इसे ओवन में बना सकती हैं। तंदूर के अालवा बाटी इसमें भी स्वाद बनेगी। लेकिन इसे फ्राई न करें। इससे स्वाद भी बिगड़ सकता है।
घी में डुबोएं बाटी
बाटी को बनाने के बाद बाहर निकालने से पहले घी में जरुर डिप करें। इस बात का ध्यान रखें कि जब बाटी गर्म हो तो उसे तभी घी में डालें। इससे उसमें अंदर तक घी नहीं जा पाएगा और उसका स्वाद भी डबल आएगा।