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कार्तिक पंचपर्व: 2 नवंबर से त्रिपुष्कर शुभ योग के साथ शुरू होगा पांच दिनों का दीपोत्सव

  • Edited By neetu,
  • Updated: 30 Oct, 2021 05:04 PM
कार्तिक पंचपर्व: 2 नवंबर से त्रिपुष्कर शुभ योग के साथ शुरू होगा पांच दिनों का दीपोत्सव

कार्तिक का पावन मास चल रहा है। इस दौरान आने वाला पंचपर्व दीपोत्सव खास महत्व रखता है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार, इस बार पंचपर्व दीपोत्सव त्रिपुष्कर योग में आरंभ होगा। ऐसे में इस दिनों को और भी शुभ माना जाएगा। पांच दिनों तक चलने वाले ये पर्व धनतेरस से शुरु होकर भाई दूज तक समाप्त होंगे। चलिए जानते हैं इस पर्वों के बारे में विस्तार से...

पहला पर्व धनतेरस: 2 नवंबर 2021

धनतेरस से इस पंचपर्व की शुरुआत होगी। यह शुभ तिथि 2 नवंबर 2021, दिन मंगलवार सुबह 11:31 से शुरु होकर 3 नवंबर 2021, दिन बुधवार सुबह 09:03 तक रहेगी। मंगलवार को सुबह सुर्योदय से लेकर 11:31 से तक त्रिपुष्कर योग रहेगा। इस शुभ दिन पर चिकित्सक अमृतधारी भगवान धन्वन्तरि का जन्मदिवस माना जाता है। ऐसे में इस दिन इनकी पूजा करने के साथ खरीदारी करने का विशेष महत्व है। इसी दिन मृत्यु के देवता यमराज के लिए दीपदान से दीप जलाने की शुरुआत होगी। साथ ही ये दीये पूरे 5 दिनों तक जलाएं जाएंगे।

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दूसरा पर्व रूप चतुर्दशी: 3 नवंबर 2021

पौराणिक कथा अनुसार, कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को श्रीहरि ने माता अदिति के आभूषण चुराने वाले निशाचर नरकासुर का वध किया था। इसके साथ ही उसकी कैद से 16 हजार कन्याओं को मुक्ति दिलाई थी। ऐसे में इस दिन महिलाएं खासतौर पर तैयार होती है। इसलिए इस दिन को रूप चतुर्दशी कहा जाता है। रूप चतुर्दशी के शुभ दिन पर महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में हल्दी, चंदन, सरसों का तेल मिलाकर उबटन तैयार करके पूरे शरीर पर लेप करके स्नान करती है। इस बार इस खास पर्व को सर्वार्थसिद्धि योग में मनाया जाएगा।

तीसरा पर्व दीपावली: 4 नवंबर 2021

इस दिन दिवाली का पावन त्योहार मनाया जाता है। अथर्ववेद अनुसार, इस शुभ दिन पर जल, अन्न और सारे सुख देने वाली पृथ्वी माता को ही देवी लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है। लोग घरों को दीयों से सजाकर कार्तिक अमावस्या का अंधेरा दूर करते हैं। फिर प्रदोषकाल में देवी लक्ष्मी, भगवान गणपति, माता सरस्वती, कुबेर देव की पूजा करने का महत्व है।

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चौथा पर्व गोवर्धन पूजा: 5 नवंबर 2021

पंचपर्व के चौथे दिन दिन राजा बली पर भगवान विष्णु की जीत का जश्न मनाया जाता है। ऋग्वेद में लिखा है कि इस दिन श्रीहरि ने वामन अवतार लेकर तीन पदों में सारी सृष्टि को नाप लिया था। इसके साथ ही इसी दिन श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र को सबक सिखाने के लिए अपनी उंगली पर गोवर्धन (एक पर्वत) को धारण किया था। इस शुभ अवसर पर लोग भगवान जी को अन्नकूट प्रसाद का भोग लगाते हैं। साथ ही जगह-जगह पर भोग को बांटा जाता है।

पांचवा पर्व भाईदूज: 6 नवंबर 2021

इस दिन भाी-बहन के प्यार का प्रतीक भाईदूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भाई खासतौर पर अपनी बहन के घर जाकर उससे तिलक लगवाता है। साथ ही बहन के घर पर ही भोजन करता है। भविष्य पुराण अनुसार, इस दिन यमुना देवी ने अपने भाई यम को अपने घर भोजन का आमंत्रण दिया था। इसलिए इस दिन भाइयों को बहन के घर जाकर ही प्यारपूर्वक भोजन खाना चाहिए।

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