बॉलीवुड में ऐसे बहुत से दिग्गज कलाकार रहे हैं जिनकी उमदा एक्टिंग को लोग आज भी याद करते हैं। 70-80 दशक की बहुत सी एक्ट्रेस तो ऐसी हैं जिन्होंने भले ही लीड रोल ना निभाया हो लेकिन वह मां की ममता, बहन का प्यार जैसे रोल निभाकर हमेशा के लिए इंडस्ट्री में अपनी गहरी छाप छोड़ गईं। उन्हीं में से एक नाम है फरीदा जलाल का ...
हिंदी सिनेमा में फरीदा किसी पहचान की मोहताज नहीं है। लीड रोल से लेकर दादी तक का किरदार निभाने वालीं अभिनेत्री फरीदा जलाल लगातार इंडस्ट्री में एक्टिव रही हैं। अपने करियर में उन्होंने दो सौ से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। 90 के दशक में फरीदा जलाल लगभग हर फिल्म में मॉं की भूमिका में दिखती थीं लेकिन मां का रोल निभाने वाली फरीदा खुद असल जिंदगी में मां के प्यार से वचिंत रहीं। चलिए आपको आज के इस पैकेज में फरीदा जलाल के जीवन की कुछ अनसुनी बातें बताते हैं...
14 मार्च 1949 को, नई दिल्ली जन्मी फरीदा का पालन पोषण उनकी दादी ने किया क्योंकि जब वह 2 साल की थी तो उनके माता-पिता अलग हो गए थे। माता-पिता के अलग होने के बाद दादी ने ही उन्हें पाला। दिल्ली में ही उनकी परवरिश हुई। फिल्मफेयर द्वारा प्रायोजित व यूनाइटेड पिक्चर प्रोड्यूसर द्वारा आयोजित एक युवा प्रतिभा प्रतियोगिता में उन्हें चुना गया था। उसमें वह एक्ट्रेस चुनी गई थी और स्वर्गीय अभिनेता राजेश खन्ना लड़कों में से एक थे, फिर 1967 में उन्होंने फिल्म तकदीर से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। उस वक्त फरीदा अपनी पढ़ाई कर रही थीं। इसके बाद वह कई फिल्मों में स्पोर्टिंग, लीड रोल में नजर आई। हिंदी सिनेमा में 200 से ज्यादा फिल्में करने वाली फरीदा ने तमिल और तेलुगू फिल्में और कई टेलीविजन धारावाहिक भी किए हैं जिसमें ‘देख भाई देख’, ‘शरारत’ बेहद फेमस रहे हैं।
उन्होंने 1990 के दशक में फिल्मों में सबसे ज्यादा मातृ भूमिकाएं अदा की और 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' और 'कुछ-कुछ होता है' में वह मां के रुप में बेहद फेमस हो गईं। मां के रुप में उन्हें इतनी प्रसिद्धि मिली की लोग उन्हें ममता की मूर्त भी कहने लगे। उनकी मुख्य फिल्मों में 'आराधना', 'नया रास्ता', 'गोपी', 'पारस', 'अमर प्रेम', 'बॉबी', 'लोफर', 'मजबूर', 'याराना', 'लाडला', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'कुछ-कुछ होता है', 'कभी खुशी कभी गम' और 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' है।
आराधना फिल्म में उन्होंने शर्मिला टैगोर और राजेश खन्ना के साथ नजर आईं थी जिसमें उन्होंने एक्टर राजेश खन्ना के साथ रोमांस फिल्माया था लेकिन पर्दे पर रोमांस करने वाली यह जोड़ी एक-दूसरे को बिलकुल पसंद नहीं करते थे क्योंकि राजेश उन्हें कहते थे कि लड़कियां उनके लिए पागल हैं। फरीदा को उनकी यह बात घमंड लगती थी। हालांकि बाद में वह दोस्त बन गए लेकिन कभी भी एक-दूसरे की गुड बुक्स में नहीं रहे।
उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें तो बताएं कि उन्होंने वर्ष 1978 में अपने सह-अभिनेता तबरेज बरमवार से शादी की थी। दोनों की मुलाकात फिल्म ‘जीवनरेखा’ के सेट पर हुई थी और साल 2003 में उनके पति तबरेज का निधन हो गया। शादी के बाद फरीदा को फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया था जिसके चलते वो पति के साथ बैंगलोर चली गई थीं। जहां उनके पति बिजनेस करते थे। लेकिन पति के देहांत के बाद उन्होंने फिर मुंबई लौटने का फैसला किया और फिल्मों में वापिसी की। उनका एक बेटा यासीन बरमवार है जिन्हें अभिनय में कोई दिलचस्पी नहीं रहीं।
साल 2017 में उनसे जुड़ी एक तस्वीर और अफवाह सोशल मीडिया में फैल गई थी तस्वीर पर लिखा था कि RIP फरीदा जलाल (1949-2017) यह खबर इतनी तेजी से फैली की हर कोई सुनकर सन्न रह गया। लोगों के फोन उन्हें आने लगे। फरीदा जलाल ने इस खबर को अफवाह बताते हुए कहा था, 'मैं नहीं जानती की ये अफवाह कैसे और कहां से फैली लेकिन हां इसे सुनकर मैं बहुत हंसी थी। इस अफवाह के बाद 30 मिनट तक मेरा फोन लगातार बजता रहा। हर कोई मेरी सेहत के बारे में जानना चाहता था। ये काफी तकलीफदेह था।'
अचीवमेंट्स की बात करें तो बता दें कि फरीदा को 5 फिल्मफेयर पुरस्कार, हार्लेम इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जैसे कई पुरस्कार मिल चुके हैं। वह आखिरी बार फिल्मों में साल 2020 में रिलीज़ हुई सैफ अली खान स्टारर फिल्म ‘जवानी जानेमन’ में ‘जैज़’ की मां के किरदार में नज़र आई थी। फिल्म में अभिनेत्री तब्बू और फिल्म के जरिये डेब्यू करने वाली अलाया फर्नीचर ने भी अहम रोल प्ले किया था।