महाराष्ट्र में 10 दिवसीय गणेशोत्सव के सम्पन्न होने के साथ ही विभिन्न जगह स्थापित की गईं भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन किया गया। इस 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत 31 अगस्त को हुई थी। अनंत चतुर्दशी के मौके पर भगवान गणेश की मूर्तियों को जुलूस निकालते हुए पास के जल निकायों तक ले जाया गया और वहां उन्हें विसर्जित किया गया।
मुंबई‘‘गणपति बप्पा मोरया’’, ‘‘पुढच्या वर्षी लवकर या’’ (अगले साल फिर आना) के नारों से गूंज उठा। हर तरफ ढोल-नगाड़े बजते सुनाई दिए। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में 10 दिवसीय उत्सव के समापन के बाद शनिवार सुबह तक भगवान गणेश की 38,000 से अधिक मूर्तियों का मुंबई के विभिन्न जल निकायों में विसर्जन किया गया, जबकि शहर में कुछ स्थानों पर विसर्जन शोभायात्रा अभी भी जारी है।
मूर्तियों को दक्षिण मुंबई में गिरगांव चौपाटी (समुद्र तट) में कृत्रिम तालाबों और कुछ अन्य जल निकायों में विसर्जित किया गया। गिरगांव चौपाटी स्थान लालबागचा राजा, गणेश गली और अन्य लोकप्रिय गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है। शिवाजी पार्क, बांद्रा, जुहू और मलाड सहित शहर भर के अन्य समुद्र तटों पर भी मूर्तियों का विसर्जन किया गया।
महाराष्ट्र समेत देश भर में 10 दिवसीय उत्सव इस वर्ष विशेष उत्साह और धूमधाम से मनाया गया क्योंकि पिछले दो साल कोविड-19 के कारण प्रतिबंध लागू थे। लालबागचा राजा गणेश प्रतिमा शहर में उत्सव के मुख्य आकर्षण में से एक है, जिसे शुक्रवार को जुलूस शुरू होने के लगभग 22 घंटे बाद सुबह नौ बजकर 15 मिनट पर विसर्जित किया गया। लालबागचा राजा का जुलूस शनिवार तड़के गिरगांव चौपाटी पहुंचा।
लालबागचा राजा को विदा करने के लिए विसर्जन स्थल पर भारी भीड़ जमा रही। विसर्जन शोभायात्रा के कारण कईं मार्गों पर यातायात की आवाजाही रोक दी गई थी। मुंबई की सड़कों पर निगरानी रखने के लिए 3,200 अधिकारियों सहित 20,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहे।