जहां एक तरफ देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है वहीं सरकार ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम को तेज कर दिया है, ताकि जल्द से जल्द इस बीमारी को खत्म किया जा सके। वहीं इस बीच ऐसी खबरं हैं कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन की आपूर्ति कम पड़ने के कारण केंद्र सरकार ने विदेशी टीकों को आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। जिसके बाद से भारत के पास कोरोना वैक्सीन कई गुना बड़ गई है। सिर्फ भारत ही नहीं कई देशों ने कोरोना वैक्सीन की डोज के करोड़ों में आर्डर दिए हैंं। चलिए नजर डालते हैं दुनिया में हो रही वैक्सीन की सप्लाई के आंकड़ों पर...
फाइजर ने रखा सबसे बड़ा लक्ष्य
भारत की बात करें तो अब तक 1.5 अरब वैक्सीन डोज खरीदी जा चुकी है जबिक 92.30 करोड़ से ज्यादा डोज खरीदने की योजना बनाई जा रही है। वहीं फाइजर ने 2.5 अरब वैक्सीन डोज को इस साल तक तैयार करने का बड़ा लक्ष्य रखा है। मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की कंपनियों को 10 करोड़ से ज्यादा के ऑर्डर मिले हुए हैं।
ये हैं सबसे ज्यादा वैक्सीन खरीदने वाले देश
यूरोपियन यूनियन ने 1.8 अरब डोज खरीदी जबकि अमेरिका ने 1.2 अरब वैक्सीन डोज खरीदी है। हालांकि इसके बाद भी अमेरिका 1.3 अरब डोज खरीदने का सौदा करने वाला है। इस तरह यूरोपियन यूनियन, अमेरिका और यूके दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन खरीदने वाले देशों में शामिल किए गए हैं।
कई देश एडवांस में कर रहे वैक्सीन ऑर्डर
ड्यूट यूनिवर्सिटी का कहना है कि इस तरह 2023 या 2024 तक दुनियाभर में किसी भी व्यक्ति को टीका नहीं लगाया जा सकेगा।इसका पीछे का कारण यह है कि ज्यादातर वैक्सीन डोज हाई इनकम तो कुछ मिडल इनकम वाले देशों ने खरीदी है। जिसका मतलब मिडल इनकम और कम इनकम वाले देशों को या तो वैक्सीन नहीं मिल पाएगी या फिर थोड़ी मात्रा में ही उपल्बध करवाई जाएगी। कई देशों तो एडवांस में ही कोरोना वैक्सीन के ऑर्डर देने में लगे हुए हैं।
इजरायल की 62% आबादी ले चुके हैं डोज
इस समय इजरायल 62% आबादी को टीका लगवाने के साथ ही दुनिया में टॉप पर पहुंच गया है। जबकि अमेरिका की 47.6% और यूके की 37% आबादी मे कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया है। कनाडा की 21% आबादी को टीका लगाया जा चुका है। वहीं फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन ने 17% आबादी का वैक्सीनेशन किया है। जबकि भारत में सिर्फ 7% आबादी को ही डोज दी गई है।