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Healthy Gums: दांतों पर मसूड़ों की पकड़ हो रही है ढीली तो आजमाएं ये नुस्खे

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 18 Nov, 2021 03:43 PM
Healthy Gums: दांतों पर मसूड़ों की पकड़ हो रही है ढीली तो आजमाएं ये नुस्खे

दांतों की समस्याएं ज्यादातर लोगों के लिए पेनफुल होती है क्योंकि यह भोजन को चबाने में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में दांतों का सही होना जरूरी है, जिसके लिए मसड़ें भी ठीक होने चाहिए। अगर गम टिश्यू व हड्डी में इंफेक्शन हो जाए तो पीरियडोनटाइटिस का खतरा रहता है। इसकी वजह से दांतों और मसूड़े की के बीच गैप या पॉकेट बन जाता है, जिससे बैक्टीरिया आसानी से पनप सकते हैं। इससे दांत खराब भी हो सकते हैं।

मसूड़ों में ढीलापन का क्या कारण है?

1. मसूड़ों में ढीलापन का सबसे मुख्य कारण पीरियोडोंटल बीमारी है, जिसमें जीवाणु इंफेक्शन के जरिए मसूड़े के ऊतकों और दांतों को पकड़ने वाली हड्डी को नष्ट कर देते है। अध्ययन के मुताबिक, करीब 30% आबादी मसूड़ों की बीमारी से परेशान रहती है, भले ही वे अपने दांतों की कितनी अच्छी देखभाल करें। महिलाओं में, गर्भावस्था, यौवन आदि के दौरान हार्मोनल परिवर्तन के कारण यह समस्या हो सकती है।।
2. दांतों में जोर-जोर से ब्रश करना मसूड़ों में ढीलापन एक और कारण है। गलत तरीक से ब्रश करने पर प्लाक का टैटार (tartar) बनना आसान हो जाता है, जिससे ढीलेपन की समस्या हो सकती है।
3. दांतों को पीसना या भींचना, तंबाकू खाना, होंठ या जीभ छिदवाना से भी मसूड़े सिकुड़ जाते हैं।

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आप कैसे जानते हैं कि आपके मसूड़े कम हो रहे हैं?

. मसूड़े के ऊतकों का हिलना-डुलना
. दांतों में पीलापन
. दांतों में सेंसटिविटी
. जड़ों का पीला दिखना
. दांतों में सड़न या बदबू आना
. दांतों के बीच रिक्त स्थान
. दांतों में भोजन फंसना

यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जो आपकी मसूड़ों की समस्या को ठीक करने में मदद कर सकते हैं...

ग्रीन टी

मुंह में फ्री रेडिकल्स पीरियडोंटल बीमारी का कारण बन सकते हैं। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही इससे मसूड़ों में सूजन की समस्या भी दूर होती है।

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एलोवेरा

एलोवेरा न सिर्फ मसूड़ों की सूजन को कम करता है बल्कि उन कोशिकाओं को भी सक्रिय करता है जो ऊतकों की मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण हैं। एलोवेरा में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं जो मुंह से इंफेक्शन को दूर रखते हैं। इसके लिए एलोवेरा जेल में थोड़ा-सा पानी मिलाकर ब्रश करें। आप इसे माउथवॉश की तरह भी यूज कर सकते हैं।

ऑयल पुलिंग

1 चम्मच वर्जिन नारियल या तिल के तेल को मुंह में तब तक घुमाएं जब तक वो दूधिया ना हो जाए। ऐसा 1 मिनट तक करें। इससे भी मसूड़ें स्वस्थ रहेंगे।

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नीलगिरी का तेल

नीलगिरी तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मसूड़ों की सूजन कम करते हैं। साथ ही इससे मसूड़ों का ढीलापन भी दूर होता है। इसके लिए 1-2 बड़े चम्मच पानी में 1-2 बूंद नीलगिरी तेल डालकर मसूड़ों की हल्के हाथों से मालिश करें। फिर कुल्ला कर लें।

लोहबान

लोहबान पाउडर से कुछ मिनट तक मसूड़ों की मालिश करें। आप इसे टूथपेस्ट में मिलाकर भी यूज कर सकते हैं।

लौंग तेल

खाना खाने के बाद एक लौंग चबाएं। इसके अलावा लौंग तेल की 1-2 बूंदें मसूड़ों पर लगाकर मालिश करें।  रोज कम से कम 3 बार ऐसा करने से आपको खुद फर्क महसूस होगा।

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