
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति तनाव में हैं। यहां तक कि बच्चे भी इस प्रॉबल्म की चपेट में आते जा रहे हैं। असल में बच्चे मानसिक तौर पर काफी कमजोर होते हैं, छोटी-छोटी बातों को बहुत जल्द दिल पर ले लेते हैं। कई बार उनके साथ बाहरी दुनिया में ऐसा व्यवहार होता है जिसे वे खुलकर मां-बाप से नहीं कर पाते। अपने दिल की बात खुलकर न बता पाने के कारण वे डिप्रेस्ड रहने लगते हैं। मगर आप चाहें तो उनके स्वभाव में आने वाले बदलावों से आपर उनकी परेशानी के बारे में पता कर सकते हैं। तो चलिए आज बात करते हैं तनावग्रस्त होने के कारण बच्चे में आने वाले बदलावों के बारे में विस्तार से...
नींद न आना
तनाव का सबसे ज्यादा असर व्यक्ति की नींद पर पड़ता है। बच्चों में यह असर बहुत जल्द दिखने लगता है। अगर आपका बच्चा भी रात भर सो नहीं पा रहा और हमेशा डरा-सहमा रहता है, तो समझ लीजिए कि उसे कोइ चिंता सता रही है।

स्वभाव में बदलाव
तनाव के कारण बच्चे का स्वभाव भी बदलने लगता है, या तो बच्चा चिड़चिड़ा हो जाएगा या फिर बात-बात पर रोने लगेगा। कुछ बच्चे तनाव के कारण नाखून चबाने लगते हैं। अगर आप भी अपने बच्चे में इस तरह के बदलाव देखें तो समझ जाएं कि खतरे की घंटी बज चुकी है अब बारी है बच्चे के साथ खुलकर बात करने की।
कम या फिर ज्यादा खाना
अक्सर बच्चे तनाव के चलते खाना कम कर देते हैं। तनाव व एंग्जाइटी के कारण बच्चों की भूख काफी हद तक कम हो जाती हैं और वह बेहद कम खाना शुरू कर देते हैं। कई बार इससे उल्ट भी हो जाता है, कई बच्चे तनाव से भागने के लिए ज्यादा खाने में अपनी खुशी ढूंढने लगते हैं। ऐसे में बच्चे की खाने की आदतों में आने वाले बदलाव से आप आसानी से उनके डिप्रेशन में होने की जांच कर सकते हैं।

एकाग्रता में कमी
बच्चों का पढ़ाई में वीक होना अक्सर मां-बाप समझ लेते हैं कि उसका ध्यान खेलने-कूदने में ज्यादा हो चुका है। मगर कई बार किसी बात का स्ट्रेस होने की वजह से भी बच्चे का मन पढ़ाई से हट जाता है। असल में माइंड में नेगेटिव एनर्जी होने की वजह से बच्चे को चीजें समझ नहीं आती, जिससे उसकी परफार्मेंस बाकी बच्चों की तुलना में कम होने लगती है।
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