नारी डेस्क : कोरोना वायरस की महामारी का डर अभी लोगों के मन से पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ था कि एक नई बीमारी ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका में H3N2 इन्फ्लूएंजा का बदला हुआ स्ट्रेन ‘सबक्लेड K’ तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञ इसे “सुपर फ्लू” भी कह रहे हैं, क्योंकि यह सामान्य फ्लू की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलने वाला और गंभीर हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों के मौसम में यह वायरस और भी खतरनाक रूप ले सकता है, खासकर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए।
क्या है सबक्लेड K वायरस?
सबक्लेड K, इन्फ्लूएंजा A (H3N2) वायरस का एक म्यूटेटेड यानी बदला हुआ रूप है। इसमें कई नए उत्परिवर्तन (mutations) पाए गए हैं, जिससे शरीर की पहले से बनी इम्यूनिटी और वैक्सीन का असर कम हो सकता है। CDC (अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र) के अनुसार, यह वायरस सामान्य फ्लू की तुलना में जल्दी फैलता है और ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकता है।

कहां तेजी से फैल रहा है संक्रमण?
अमेरिका के कई राज्यों में सबक्लेड K के मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस लिस्ट में न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, कनेक्टिकट, लुइसियाना, कोलोराडो, मैसाचुसेट्स, टेक्सास और जॉर्जिया जैसे राज्य शामिल हैं। थैंक्सगिविंग की छुट्टियों के बाद इन राज्यों में बुखार और खांसी के मामलों में अचानक उछाल देखा गया, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है।
सबक्लेड K के शुरुआती लक्षण
तेज बुखार और गले में खराश होना।
गंभीर और लगातार खांसी होना।
शरीर और मांसपेशियों में दर्द होना।
अत्यधिक थकान और सांस लेने में दिक्कत होना।
छाती में दर्द और कुछ मामलों में भ्रम या चक्कर आना।
अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना जरूरी है।

किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा?
डॉक्टरों के अनुसार, सबक्लेड K वायरस सभी को संक्रमित कर सकता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह विशेष रूप से खतरनाक साबित हो सकता है। सबसे ज्यादा जोखिम उन लोगों को है जो हाई-रिस्क ग्रुप में आते हैं, जिनमें बुजुर्ग, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग और पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज शामिल हैं।
क्या मौजूदा फ्लू वैक्सीन असरदार है?
विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा फ्लू वैक्सीन से कुछ हद तक सुरक्षा मिल सकती है, लेकिन नए म्यूटेशन के कारण इसका प्रभाव सीमित हो सकता है। हालांकि, वैक्सीन लेने से गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने का खतरा कम हो सकता है।
बचाव के लिए क्या करें?
भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें और हाथ बार-बार साबुन से धोएं।
मास्क का इस्तेमाल करें और बीमार व्यक्ति से दूरी बनाएं।
पर्याप्त नींद और पौष्टिक आहार लें।
बुखार या खांसी होने पर तुरंत जांच कराएं।

क्या घबराने की जरूरत है?
डॉक्टरों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही बिल्कुल न करें। समय पर लक्षणों की पहचान और सही इलाज से गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। सबक्लेड K वायरस भले ही नया खतरा बनकर सामने आया हो, लेकिन सही जानकारी, सावधानी और समय पर इलाज से इससे बचाव संभव है। आने वाले सर्दियों के मौसम में सतर्क रहना और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है।