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कहीं आप तो नहीं लगाती शिशु को सोते समय तकिया

  • Updated: 10 Jun, 2017 11:02 AM
कहीं आप तो नहीं लगाती शिशु को सोते समय तकिया

पंजाब केसरी (पेरेंटिंग) : कई लोग 1 महीने या उससे भी छोटे बच्चों के लिए तकिए का इस्तेमाल करते हैं लेकिन तकिए पर सुलाने से शिशु की जान को खतरा हो सकती है। आजकल की महिलाओं का मानना है कि तकिए पर सुलाने से बच्चे की गर्दन सीधी रहेगी और सिर का आकार भी सही रहेगा लेकिन ऐसा करने से बच्चों को नुकसान हो सकता है। आइए जानिए क्यों छोटे शिशुओं को तकिए पर नहीं सुलाना चाहिए

हिटिंग
महिलाएं अपने छोटे शिशुओं के लिए मार्किट से मिलने वाले फैंसी नर्म तकिए का इस्तेमाल करती हैं लेकिन इसमें डाली जाने वाली फाइबर कॉटन काफी गर्म होती है और जब बच्चा उस पर सिर रख कर सोता है तो उसके सिर में गर्मी पैदा हो जाती है जो बच्चे को नुकसान पहुंचाती है।

जान का खतरा
कई बार तकिए का इस्तेमाल करने से शिशु का दम भी घुट सकता है। छोटे बच्चों का शरीर बहुत ही नाजुक और कोमल होता है। ऐसे में तकिया लगाने से बच्चे की सांस नली अंदर से मुड़कर दब जाती है जिससे उसकी जान भी जा सकती है। ऐसे में बहुत छोटे बच्चे के लिए उसकी मां की गोद से बेहतर और कोई जगह नहीं है।

गर्दन मुड़ना
तकिया लगाने की वजह से बच्चे की गर्दन भी मुड़ सकती है। मार्किट से मिलने वाले तकिए बहुत ही मुलायम और गुदगुदे होते हैं जिस वजह से बच्चे की नाजुक गर्दन मुड़ सकती है।

सावधानियां - 
1. छोटे बच्चे को हमेशा पीठ के बल सुलाना चाहिए।
2. दो साल से कम उम्र के शिशुओं को कभी भी तकिया न लगाएं।
3. कई महिलाएं बच्चों के गिरने के डर से उनकी साइड में तकिया रखते हैं लेकिन इसके लिए हमेशा कठोर और फ्लैट तकिए का ही इस्तेमाल करें।
4. बच्चा जब सो रहा हो तो हर 2 घंटों के बाद उसके सिर की स्थिति बदलें।

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