शिशु की देखभाल बहुत ही ध्यान से करने होती है। वो बहुत ही नाजुक होते हैं और थोड़ी सी भी लापरवाही उन्हें चोट लग सकती है। कई सारे पैरेंट्स समझ नहीं पाते कि शिशु की छोटी- छोटी उंगलियां में जो नाखून उग रहे हैं, उसे कैसे काटें ? वो बहुत जल्दी मैले भी हो जाते हैं। शिशु जब मुंह में उंगली डालते हैं तो ये नाखून की गंदगी उन्हें बीमार कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि समय- समय पर शिशु के नाखूनों का काटते रहें। यहां जानें सकी तरीका, जिससे उन्हें चोट भी नहीं पहुंचेंगी।
शिशु के नाखून किस उम्र में काटें
आमतौर पर 10 से 11 महीने के दौरान शिशु के नाखून ज्यादा बढ़ते हैं। अगर बच्चे के नाखून 10 महीने से पहले ही बड़े हो जाएं, तो उन्हें काटना बेहतर है। शिशु खुद को अपने नाखून से चोटिल कर सकता है। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि शिशु के नाखून बढ़ने की दर क्या है। कुछ बच्चों के नाखून जन्म के तुरंत बाद बढ़े हुए नजर आते हैं, तो ऐसे में आपको इंतजार करने की जरूरत नहीं है।
शिशु के नाखून कैसे काटें
- बच्चे के नाखून को आसानी से काटने के लिए सबसे पहले उनके नाखूनों को गुनगुने पानी में डुबोएं।
- शिशु की उंगली को अपने अंगूठे और इंडेक्स फिंगर यानी तर्जनी से पकड़ें।
- बाजार में बच्चों के लिए नेल क्लिपर मिलते हैं, उससे आप आसानी से नाखून काट सकते हैं या फिर छोटी सी कैंची से भी ये काम कर सकते हैं।
- शिशु की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है तो जितना हो सके, स्किन से क्लिपर दूर रखें।
- नाखून को हर तरफ से फाइल कर दें, ताकि ये नुकीला या खुरदुरा न रह जाए।
इन बातों का भी रखें ख्याल
- जिस समय बच्चा सो रहा हो, तब आप उसके नाखून काट दें। इस दौरान शिशु परेशान नहीं होगा।
- बच्चे के नाखून ज्यादा छोटे हैं, तो काटने के बजाय आप नाखून को फाइल कर सकते हैं। इस दौरान विशेष सावधानी बरतें।
- बच्चे के नाखून काटने के लिए आप नेल कटर की जगह बेबी नेल सीजर्स यानी नाखून काटने वाली कैंची या बेबी नेल क्लिपर का इस्तेमाल करें। खासतौर पर बच्चों के नाजुक नाखूनों के लिए ऐसे विकल्प बाजार में मौजूद हैं।
नाखून के आसपास चोट लगने पर क्या करें?
- शिशु के नाखून के आसपास की त्वचा अगर गलती से कट गई है तो घाव बन सकता है।
- ऐसा होने पर सबसे पहले घाव का साफ करें। बैक्टीरिया फ्री वाइप्स का इस्तेमाल करें या साफ कपड़े का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बहते खून को रोकने के लिए घाव के आसपास के हिस्से को धीरे से दबाएं।
- फिर साफ पानी से घाव को साफ कर दें और एंटीसेप्टिक क्रीम लगा दें।