यूटीआई (UTI) यानि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का नाम आते ही लोगों को लगता है कि यह प्रॉब्लम सिर्फ महिलाओं को ही हो सकती है जबकि ऐसा नहीं है। आजकल यह समस्या बच्चों में भी काफी देखने को मिल रही है। इसी सिलसिले में हमने डॉक्टर निखार महाजन से बात की, तो चलिए जानते हैं बच्चों में यूटीआई इंफेक्शन के कारण क्या है और इसे कैसे पहचानें।
बच्चों को भी होती है यूटीआई इंफेक्शन
यूटीआई का मतलब है पेशाब की नाली में इंफेक्शन होना। यह तब होती है जब किसी कारण से यूरिन पाइप में बैक्टीरिया की ओवरग्रोथ हो जाती है। हैरानी की बात यह है कि लोगों को लगता है कि यह सिर्फ महिलाओं को होती है। जबकि 8% लड़कियों और 2% लड़कों में पहले पांच साल में ही यह समस्या देखने को मिल जाती है।
सवाल: बच्चों में कैसे पहचाने यूटीआई के लक्षण?
जवाब: अगर बच्चा बहुत छोटा तो आपको इसके लक्षण देखने को नहीं मिलेंगे। हालांकि बच्चे को बार-बार हल्का बुखार या ग्रोथ ठीक से ना होना जैसी समस्याएं हो जाती है। अगर प्रॉब्लम बढ़ जाए तो वह ज्यादा बीमार भी हो सकता है। इसका पता यूरिन जांच के बाद ही चलता है।
सवाल: बच्चों में यूटीआई के कारण?
जवाब: जन्म के समय होने वाली बनावटी यानि किडनी, यूरिनरी ब्लैडर या यूरेथा के बनावटी लुक्स में गड़बड़ी के कारण बच्चों में यह समस्या हो सकती है। वहीं हाइजीन का ख्याल ना रखना, बहुत ज्यादा पेशाब रोककर रखना, भरपूर पानी ना पीना भी इसका कारण बनता है। इसके अलावा नवजात को बहुत देर तक डाइपर पहनाकर रखने से भी वो यूटीआई इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं।
सवाल: क्या खराब डाइट भी इसका कारण?
जवाब: बिल्कुल, गलत डाइट भी यूटीआई की समस्या बढ़ा देती है। कुछ चीजें होती है, जिसका सेवन यूटीआई का कारण बन सकता है। इसके अलावा कुछ चीजें ऐसी भी है, जो यूटीआई से बचाने में मदद करती है। क्रेनबेरी, ब्लूबेरी, अंगूर और संतरे का सेवन करने से इसके इलाज में मदद मिलती है। भरपूर पानी पीएं, दही और प्रोबायोटिक चीजों का सेवन भी यूटीआई में फायदेमंद होता है।
सवाल: बच्चों का कैसे करें बचाव?
जवाब: सबसे पहले अधिक से अधिक से पानी का सेवन करें और यूरिक को ज्यादा देर तक ना रोके। नवजात शिशु के गंदे डायपर बार-बार बदले। अगर बच्चे को इंफेक्शन हो गई है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क से करें। घर की टॉयलेट की सफाई पर भी खास ध्यान दें।
सवाल: अगर बच्चे को जन्म के समय ही है यूटीआई तो क्या करें?
जवाब: बच्चों में यूटीआई दो तरह की होती है पहली जन्म के साथ और दूसरी जन्म के बाद। अगर आपके बच्चे को जन्म के समय ही यह समस्या है तो यह कुछ पार्ट्स की बनावट में खराबी के कारण होती है। ऐसे में डॉक्टर सिचुएशन के हिसाब बच्चे को ट्रीटमेंट देते हैं।
सवाल: अगर पेशाब वाली जगह पर हो गई है रैडनेस तो...
जवाब: अक्सर देखा जाता है कि अगर इसके कारण बच्चे की पेशाब वाली जगह पर रैडनेस हो जाती है तो वो दही लगा देते हैं। जबकि ऐसा करना सही नहीं है। इससे यूटीआई की समस्या और बढ़ जाती है। ऐसी सिचुएशन में आप डॉक्टर से संपर्क करें। हां, आप नारियल तेल या सरसों का तेल लगा सकते हैं।