कोरोना वायरल से बचने के लिए अभी तक वेक्सीनेश ही एक मात्र सहारा है लेकिन इसी बीच अब एक और सुरक्षा कवच लोगों को मिलने जा रहा हैं। दरअसल, DRDO को एक अहम कामयाबी मिली है, बतां दें कि 2-डीजी जैसी दवा बनाने के बाद संस्थान मे अब कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डिटेक्शन किट DIPCOVAN भी तैयार कर ली है।
DIPCOVAN किट से पता लगेगा बाॅडी में जरूरी एंटीबॉडी या प्लाज्मा है या नहीं-
इसे दिल्ली के वैनगार्ड डायग्नॉस्टिक्स के सहयोग से विकसित किया गया है। DIPCOVAN किट के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि इंसान के शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी एंटीबॉडी या प्लाज्मा है या नहीं। फिलहाल इस किट को 1000 से ज्यादा मरीजों पर टेस्ट किया जाएगा।
जानें कब आएगी मार्केट में और क्या है इसकी कीमत-
ICMR ने इसे अप्रैल महीने में ही मंजूरी दे दी थी वहीं DCGI भी इसे मई के महीने में ही मंज़ूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक जून के पहले हफ्ते में यह प्रोडक्ट बाजार में लॉन्च हो जाएगा। हर टेस्ट की कीमत 75 रुपये होगी।
जानें क्या है इसकी कार्यक्षमता-
DIPCOVAN किट स्पाइक और नुक्लेओकैप्सिड प्रोटीन को भी डिटेक्ट कर सकता है वो भी 97 फीसदी की उच्च संवेदनशीलता और 99 फीसदी की विशिष्टता के साथ। वहीं, वैक्सीनेशन के समय भी इसकी जानकारी से जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे।
ऑक्सीजन की जरूरत को कम करेगी 2-डीजी दवा-
बतां दें कि इससे पहले DRDO की कोरोनारोधी दवा 2-डीजी को 17 मई को लॉन्च किया गया था। संस्थान के अनुसार 2-डीजी दवा कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत को कम करेगी। कोरोना के मध्यम और गंभीर मरीजों पर 2-डीऑक्सी-डी-ग्लुकोज (2-डीजी) दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) की ओर से मंजूरी मिली थी।
कोरोनारोधी दवा 2-डीजी पर रक्षा मंत्रालय ने भी दी यह जानकारी-
इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने 8 मई को कहा था कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के क्लीनिकल परीक्षण में पता चला है कि इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है, साथ ही इस दवा से मरीज जल्दी ठीक होते हैं।