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धीरज कुमार ही नहीं, कई सेलेब्स की जान ले चुका है निमोनिया – जानिए यह बीमारी कितनी खतरनाक है

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 16 Jul, 2025 11:36 AM
धीरज कुमार ही नहीं, कई सेलेब्स की जान ले चुका है निमोनिया – जानिए यह बीमारी कितनी खतरनाक है

 नारी डेस्क: 15 जुलाई को बॉलीवुड एक्टर और डायरेक्टर धीरज कुमार का निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह निमोनिया से पीड़ित थे। धीरज कुमार ‘ओम नम: शिवाय’ जैसे पॉपुलर टीवी शो डायरेक्ट कर चुके थे। उनकी मौत ने एक बार फिर इस सवाल को उठाया है कि क्या निमोनिया जैसी आम दिखने वाली बीमारी वास्तव में जानलेवा हो सकती है?

 क्या है निमोनिया?

निमोनिया एक गंभीर फेफड़ों का संक्रमण (Lung Infection) है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण होता है। इस बीमारी में फेफड़ों की वायु कोशिकाएं (Alveoli) सूज जाती हैं और उनमें मवाद या फ्लूड भर जाता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है, जिससे मरीज को सांस लेने में कठिनाई होती है।

इन सेलेब्स की भी जान ले चुका है निमोनिया

धीरज कुमार से पहले भी कई मशहूर सेलेब्स निमोनिया की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा, बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार, मशहूर कलाकार प्राण और टीवी व फिल्म अभिनेता समीर खाखर जैसे नाम शामिल हैं। ये सभी सितारे निमोनिया के कारण दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, जिससे साफ होता है कि यह बीमारी कितनी खतरनाक हो सकती है।

कितना खतरनाक है निमोनिया?

निमोनिया हर उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन बच्चे, बुजुर्ग और क्रॉनिक बीमारियों से जूझ रहे लोग (जैसे डायबिटीज, अस्थमा, हृदय रोग आदि) इसके लिए ज्यादा संवेदनशील होते हैं। कमजोर इम्यून सिस्टम वालों के लिए यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है।

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 निमोनिया के लक्षण क्या होते हैं?

शुरुआत में यह बीमारी सामान्य सर्दी-जुकाम जैसी लगती है, लेकिन जल्दी ही यह गंभीर रूप ले सकती है। लक्षणों में शामिल हैं-

तेज बुखार और ठंड लगना

खांसी (बलगम के साथ)

सांस लेने में तकलीफ या तेज सांस

सीने में दर्द

कमजोरी और थकान

भूख की कमी

बुजुर्गों में भ्रम या व्यवहार में बदलाव

भारत और दुनिया में निमोनिया की स्थिति

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निमोनिया पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मौत का सबसे बड़ा कारण है। अकेले भारत में हर साल 1.27 लाख से ज्यादा बच्चों की मौत निमोनिया की वजह से होती है। बुजुर्गों में यह बीमारी अक्सर अन्य बीमारियों के साथ मिलकर घातक बन जाती है।

कैसे बचें निमोनिया से?

समय पर वैक्सीनेशन (Pneumococcal और फ्लू वैक्सीन)

साफ-सफाई का ध्यान

संतुलित आहार और इम्यूनिटी बढ़ाना

सर्दी-खांसी को नजरअंदाज न करना

बुजुर्गों और बच्चों को ठंडी हवा या धूल से बचाना

निमोनिया कोई मामूली बीमारी नहीं है। यह एक धीरे-धीरे बढ़ने वाला मगर जानलेवा संक्रमण है, जो अगर समय पर पहचाना न जाए तो जिंदगी छीन सकता है। इसलिए इसके लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय पर इलाज करवाएं।  

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