नारी डेस्क: दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ जाने से बच्चों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है। ऐसे बच्चों को ओपीडी ले जाया जा रहा है जिन्हें कभी सांस की बीमारी थी ही नहीं। इस तरह के हालात देखते हुए डॉक्टर बीमार बच्चों को दिल्ली से बाहर ले जाने की सलाह दे रहे हैं। पर सवाल तो यह है कि कब तक बच्चों को घर से दूर रखा जा सकता है।
बच्चों को अच्छे वातावरण में ले जाने की सलाह
सात साल की बेटी का अस्थमा का इलाज कराने वाले एक पिता ने बताया कि वह 15 दिन में दो बार डॉक्टर को दिखा चुके हैं। बेटी दिन भर खांसी और सांस अटकने जैसी परेशानी महसूस कर रही है। डॉक्टरों ने कहा है कि हो सके तो बच्चे को कुछ दिन दिल्ली से बाहर कहीं पहाड़ों पर ले जाएं। प्रदूषित हवा में मौजूद विषैले तत्व जैसे पीएम 2.5, पीएम 10, कार्बन मोनोऑक्साइड, और सल्फर डाइऑक्साइड बच्चों के फेफड़ों और इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। बच्चों के लिए यह विशेष रूप से हानिकारक है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता और उनके फेफड़े अधिक संवेदनशील होते हैं।
बच्चों को हो रहा ये नुकसान
सांस लेने में तकलीफ: बच्चों में सांस की तकलीफ, अस्थमा, और खांसी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। प्रदूषित हवा से सांस लेने में परेशानी और सीने में जकड़न हो सकती है।
फेफड़ों पर असर: - बच्चों के फेफड़ों का विकास हो रहा होता है, और प्रदूषित हवा में मौजूद पार्टिकल्स उनके फेफड़ों की वृद्धि को बाधित कर सकते हैं, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
इम्यून सिस्टम कमजोर होना: वायु प्रदूषण बच्चों के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं और उन्हें एलर्जी या सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दिमागी विकास पर असर: शोध में यह पाया गया है कि लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चों के दिमागी विकास पर नकारात्मक असर हो सकता है, जिससे उनकी याददाश्त और सीखने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है।
आंखों और त्वचा में जलन: प्रदूषित हवा बच्चों की आंखों में जलन, पानी आना, और त्वचा पर एलर्जी का कारण बनती है।
बच्चों को प्रदूषण से बचाने के उपाय
बाहर निकलने का समय सीमित करें: खासकर सुबह और शाम के समय जब प्रदूषण अधिक होता है, बच्चों को बाहर कम से कम निकालें।
N95 मास्क पहनाएं: बच्चों को मास्क पहनने की आदत डालें, ताकि हानिकारक तत्वों का कम से कम संपर्क हो।
इंडोर एयर प्यूरीफायर का उपयोग: घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं, ताकि अंदर की हवा को शुद्ध रखा जा सके।
फायबर युक्त आहार: बच्चों के खाने में विटामिन C, विटामिन E, और ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।
भाप लेना: बच्चों को दिन में एक बार भाप लेने दें ताकि उनके श्वसन तंत्र की सफाई हो सके।
दिल्ली की प्रदूषित हवा बच्चों के लिए अत्यधिक हानिकारक साबित हो रही है, इसलिए उन्हें इस संकट से बचाने के लिए इन सुझावों का पालन करना आवश्यक है।