स्वास्थ्य एवं सौंदर्य उसी को प्राप्त होता है जो नियमित व्यायाम करता है। शरीर स्वस्थ हो तो मन भी स्वस्थ रहता है। यदि आज आपके पास व्यायाम करने का समय नहीं है तो कल आपको बीमार होने के लिए समय जरूर निकालना पड़ेगा। अच्छा भोजन, चिंता रहित जीवन एवं हल्का व्यायाम आपकी काया को कुंदन बना देता है।
नृत्य सबसे बढ़िया कलात्मक एवं सुरुचिपूर्ण व्यायाम है। नृत्य जीवन के प्रत्येक क्षण के साथ जुड़ा हुआ है। मानव मन जब प्रसन्न होता है तो वह खुशी से झूमकर नाचने लगता है। किसी भी प्रकार का नृत्य स्वास्थ्य की दृष्टिï से उत्तम है एवं आनंद का स्रोत है। नृत्य द्वारा शरीर के हर अंग का सम्पूर्ण व्यायाम हो जाता है। शरीर की 639 मांसपेशियां पूरी तरह हरकत में आ जाती हैं। शरीर के हर अंग-कोशिका में शुद्ध ऑक्सीजन एवं रक्त का संचार होता है। पसीना ग्रंथियों द्वारा मन पदार्थ एवं विजातीय पदार्थ शरीर से बाहर निष्कासित हो जाते हैं।
श्वसन क्रिया के सभी रोग दूर हो जाते हैं। सम्पूर्ण प्राणायाम हो जाता है। रुधिर प्रवाह तेज होकर ज्यादा शुद्ध ऑक्सीजन शरीर सोखता है। पाचन क्रिया दुरुस्त हो जाती है। हाथ-पैरों का पूर्ण व्यायाम हो जाता है। यूरिक एसिड, शूगर, कोलेस्ट्रॉल नार्मल रहते हैं। चेहरे का रूप-लावण्य सुंदर हो जाता है। कालिमा, छाइयां, पिम्पल्स, घमोरियां गायब हो जाती हैं।