बच्चों में कोविड -19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते माता-पिता भी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर दहशत और अराजकता की स्थिति में आ गए हैं। कई शोध ने साबित किया है कि वायरस का बच्चों पर स्थायी प्रभाव नहीं हो सकता है। हालांकि दूसरी लहर ने भी बच्चों को नहीं बख्शा, तीसरी लहर भी बच्चों में मामलों में वृद्धि का कारण बन सकती है। ऐसे में आईए जानते हैं तीसरी लहर में बच्चों को कैसे सुरक्षित रख सकतें है-
ऐसे लक्षण दिखते ही डाॅक्टर से करें संपर्क
बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ, थकान, गले में खराश, दस्त, गंध की कमी, स्वाद की कमी, जठरांत्र संबंधी लक्षण जैसे दस्त, नाक बंद, गले में खराश, मतली, उल्टी, सिरदर्द, सूखी खांसी, शरीर और मांसपेशियों में दर्द ऐसे लक्षण हैं जो बच्चे प्रदर्शित कर सकते हैं, और उन्हें तत्काल डाॅक्टर के पास ले जाए और उनका इलाज करवाएं।
कोविड से उबरने के बाद भी बच्चों में दिखाई दे सकते हैं यह लक्षण
कुछ अध्ययनों के अनुसार, बिना किसी पुरानी चिकित्सा स्थिति वाले बच्चे या जिन्हें तीव्र कोविड -19 संक्रमण के दौरान हल्के लक्षणों का अनुभव होता है, वे कोविड -19 के बाद की जटिलताओं से पीड़ित हो सकते हैं। कोविड से उबरने के बाद भी बच्चों में मांसपेशियों में दर्द, थकान, गंध और स्वाद की कमी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे दस्त और उल्टी देखी जाती है।
माता-पिता इन सावधानियां को ध्यान में रखें
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के दिशा-निर्देशों के अनुसार, 2 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना चाहिए। छोटे बच्चों में घुटन का थोड़ा जोखिम होता है इसलिए पैरेंट्स अपनी सुपरवीज़न में ही बच्चों को मास्क पहनाएं। बच्चों को खेल खेलते समय या शारीरिक गतिविधियों जैसे दौड़ना, कूदना या खेल के मैदान में खेलते समय मास्क न पहनाएं। ताकि इससे उनकी सांस लेने में कोई दिक्कत न हो। घर में बार-बार छुए जाने वाली सभी सतहों को सैनिटाइज़ करें।
-सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अच्छी तरह से संतुलित आहार का पालन करें जिसमें फल, सब्जियां, फलियां, दालें और साबुत अनाज शामिल हो क्योंकि इससे उसकी इम्यूनिटी मज़बूत होगी।
– मसालेदार, तैलीय और जंक फूड से परहेज करें।
– अपने बच्चे को भीड़-भाड़ वाली जगहों, सामाजिक समारोहों में न ले जाएं।
-सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा बीमार लोगों के आसपास न हो। खांसते या छींकते समय अपने बच्चे का मुंह ढकें।
अगर आपका बच्चा तीसरी लहर के दौरान COVID-19 से संक्रमित हो जाए तो क्या करें?
-समय-समय पर उसका तापमान जांचते रहें। यदि बुखार चार दिनों से अधिक समय तक बना रहता है और बच्चा थका हुआ है, खाने में असमर्थ है, और पेशाब नहीं कर रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लें और उसे अस्पताल में भर्ती कराएं। भले ही बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो, उसे अस्पताल ले जाएं।
-अपने बच्चे को भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ और स्वच्छ भोजन दें। सुनिश्चित करें कि बच्चा हाइड्रेटेड रहे। जंक फूड से बचें।
-एचआरसीटी चेस्ट स्कैन केवल तभी किया जाना चाहिए जब किसी के लक्षणों में सुधार न हो और वो भी डॉक्टर की सलाह पर।
इसपर भी ध्यान दें
भारत में अभी तक बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिली है। वर्तमान में, यह देखने के लिए clinical trial किए जा रहे हैं कि क्या ये टीके बच्चों के लिए भी सुरक्षित और प्रभावी होंगे। तब तक माता-पिता को अपने बच्चों को इस कुख्यात वायरस से बचाना होगा। मौसमी इन्फ्लूएंजा बीमारी से खुद को बचाने के लिए बच्चों को वार्षिक फ्लू शॉट (इन्फ्लूएंजा टीका) लेने की सिफारिश की जाती है।