कोरोना महामारी से बचने के लिए जहां लोग वैक्सीनेशन लगवा रहे हैं वहीं इस वायरस के बीच कई औऱ तरह की नई-नई बीमारियां लोगों को घेर रही हैं। हाल ही में ब्लैक फंगस और बोने डेथ की खबरें सामने आई थी वहीं अब इस बीच मायोपिया नामक एक बिमारी देखने को मिल रही हैं। बतां दें कि मायोपिया आंखों की बीमारी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के बाद चीन और नीदरलैंड में बड़ी संख्या में लोगों की आंखों में मायोपिया के लक्षण देखें गए है। वहीं अब भारत में भी लोगों की आंखें इस बीमारी मायोपिया यानि निकटदर्शिता की चपेट में आ रही हैं, जोकि चिंता का विषय है।
कोविड के इस दौर में बच्चों की आंखें बचाना सबसे बड़ा चैलेंज-
विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड के इस दौर में बड़ों के साथ-साथ बच्चों की आंखें बचाना सबसे बड़ा चैलेंज है। अगर समय रहते इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये बड़े स्तर फैल सकती है।
भारत में भी बढ़ी मायोपिया की शिकायत-
एक हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, भारत के लोगों में कोरोना से पहले के समय के मुकाबले अब मायोपिया की शिकायत बढ़ी है। इसकी एक वजह कोरोना आने के बाद लोगों का घरों में रहना और डिजिटल डिवाइसेज और वर्चुअल गतिविधि का बहुत लंबे समय तक इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
क्यों होती है मायोपिया की शिकायत-
एक्सपर्ट के अनुसार, लगातार और लंबे समय तक एक ही चीज पर फोकस करके देखते रहने से आंखों में मायोपिया की शिकायत पैदा हो जाती है। धीरे-धीरे द्रष्टि इतनी संकुचित हो जाती है कि बेहद पास की चीजें ही साफ दिखाई नहीं देती हैं। यह सिर्फ विजन तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके साइड इफेक्ट इतने हैं कि आंखों से खून आने के अलावा आखिर में आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
कोरोनाकाल में बच्चों की आंखों को खासा नुकसान हो रहा है। घर पर रहकर कई-कई घंटों तक मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई करने से आंखों में दिक्कतें पैदा हो रही हैं। मायोपिया एक तरह से दूर देखने की क्षमता का प्रभावित कर देता है।
मायोपिया का क्या है दुष्प्रभाव?
इसमें पास की चीजें अच्छे से दिखाई देती हैं लेकिन दूर की द्रष्टि धीरे-धीरे धुंधली होती चली जाती है.
मायोपिया के लक्षण-
-आंखों में सूखापन।
- आंखों से खून आना।
-नजर धुंधला जाना।
-आंखों में दर्द।
-दूर की चीजें साफ न दिखाई देना।
-नींद न आना।
इलेक्ट्रोनिक डिवाइसों से हो रही है मायोपिया की बीमारी-
मायोपिया की बीमारी ज्यादातर इलेक्ट्रोनिक डिवाइसों से हो रही है। मोबाइल फोन, टैबलेट, टीवी या अन्य किसी उपकरण से निकलने वाली ब्लू लाइट आंखों की नजर पर असर डालने के साथ ही आंखों में सूखापन पैदा करती है। इसके साथ ही बच्चों की नींद को भी प्रभावित होती है। बतां दें कि स्लीप डिसऑर्डर के साथ ही यह विजन को धुंधला भी कर देता है।