कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामले लोगों की चिंता और भी बढ़ा रहे हैं। वहीं हाल में कोरोना वायरस को लेकर कुछ ऐसे नए मामले हैं, जिन्होंने डॉक्टर्स व वैज्ञानिकों को भी चिंता में डाल दिया है। दरअसल, हाल ही में कोरोना के कुछ ऐसे मरीज सामने आए हैं, जिनके लक्षण अब तक के मरीजों से बिल्कुल अलग है। इसके देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी अपनी चिंता जाहिर की है।
सामने आए कोरोना के नए लक्षण
मंत्रालय ने कहा, 'कोविड-19 के कोरोना के कुछ मरीजों में लक्षण बहुत हल्के दिख रहे हैं। वहीं 80% मरीजों में कोई लक्षण ही नहीं दिख रहे। ऐसे में इस स्थिति को देखते हुए भारत अपनी जांच के पैटर्न को बदलने की सोच रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जताई चिंता
स्वास्थ्य मंत्रालय, डॉक्टर्स व वैज्ञानिकों को चिंता इस बात कि जिन मरीजोंं में कोई भी लक्षण नहीं दिख रहे हैं वो दूसरे लोगों तक आसानी से इंफैक्शन फैल सकते हैं। न फीवर, सर्दी, खांसी और न ही सांस लेने में दिक्कत… सब कुछ बिल्कुल नॉर्मल था लेकिन जब जांच कराया तो पता चला कि कोरोना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि लगभग 15% मामले गंभीर और 5% मामले अति गंभीर स्थितियों वाले हैं।
क्यों नहीं दिख रहे लक्षण?
दरअसल कई लोगों की इम्यूनिटी मजबूत होती है। ऐसे में जब उन्हें वायरस का संक्रमण होता है तो उनके शरीर की इम्यूनिटी शरीर को प्रभावित नहीं होने देती, जिसकी वजह से इंसान को सामान्य लगता है और लक्षण भी सामने नहीं आते लेकिन यह काफी खतरनाक बात हो सकती है।
लॉकडाउन से हो रहा फायदा
हालांकि लॉकडाउन के कारण भारत में कोरोना को फैलने से रोकने में काफी सफलता मिली है। लॉकडाउन से पहले 3.4 दिन में मरीजों की संख्या दोगुनी होने लगी थी लेकिन अब ये 7.5 दिन में दोगुनी हो रही है।
WHO ने कहा- "बुरा दौर तो अभी आने वाला है"
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने भी कोरोना को लेकर चिंता जाहिर की है। WHO चीफ ने कहा कि, बुरा दौर तो अभी आने वाला है। ज्यादातर देश अपने-अपने देशों में लगाए गए प्रतिबंध हटा रहे हैं लेकिन आशंका है कि आने वाले दिनों में स्थितियां बिगड़ सकती हैं।
भारत में भी कोरोना को रोकना होगा बड़ी चुनौती
भले ही भारत में लॉकडाउन से कोरोना को रोकने में काफी मदद मिली हो लेकिन बावजूद इसके कुछ लोग इन नियमों को तोड़ रहे हैं। भारत में 3 मई के बाद लॉकडाउन हटा दिया जाएगा। ऐसे में भारत सरकार के लिए भी ये एक बड़ी चुनौती होगी कि लॉकडाउन हटाने के बाद देश को सामान्य गति से चलाते हुए लोगों को इकट्ठा होने से कैसे रोका जाए। इसके साथ ही कोरोना को फैलने से कैसे रोका जाए।