शुक्रवार सुबह हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने जनता से एक अपील की थी। उन्होंने सबसे आग्रह किया था कि हम देशवासी मिलकर दिए-मोमबत्ती जलाकर एकता का संदेश दें। हर किसी ने इस अपील की इज्जत की और 5 अप्रैल को 9 बजे 9 मिनट के लिए दिए-मोमबत्ती जलाए भी। मगर कुछ लोग सड़कों पर अपनी बेवकूफी दिखाने के लिए निकल पड़े।
हिंदी कवि कुमार विश्वास इस बात पर भड़क भी पड़े और लिखा-ये तो हद्द है😳कहा क्या गया,हो क्या रहा है ? कब सुधरेंगें😡? मेरी कॉलोनी में लोग सड़क पर पटाखे फोड़ रहे हैं ! हम हर विपदा का प्रहसन क्यूँ बना देते हैं ?कोरोना योद्धाओं के लिए कृतज्ञता का दीपक हथेली पर लिए, बालकनी से पटाखे न चलाने के लिए पड़ोसियों पर चिल्लाता मैं अकेला क्यूँ हूँ ?
लोगों ने पटाखें जलाकर हवा में फिर जहर घोल दिया है। एयर क्वालिटी दोबारा खराब हो गई है। अगर भारत की राजधानी की बात की जाए तो रविवार रात 8.30 बजे से सोमवार दोपहर 12 बजे के दौरान विवेक विहार में एक्यूआई 100 से बढ़कर 191 पर पहुंच गया है। वहीं जो आसामन साफ़ हुआ था अब उसमें दोबारा प्रदुषण की झलक देखि जा सकती है।