मां बनने का सुख हर महिला पाना चाहती है लेकिन जब वह कंसीव करती हैं तो उसे बहुत सारे नए नए शारीरिक अनुभव का सामना करना पड़ता है। इस दौरान महिला की ब्रेस्ट में भी कई तरह के बदलाव आते हैं लेकिन कई बार इन बदलावों से महिलाएं डर जाती हैं खासकर जो पहली बार मां बन रही होती हैं । बता दें कि प्रेग्नेंसी के पूरी नौ महीने महिला की ब्रेस्ट में कई तरह के बदलाव आते हैं। हार्मोनल बदलावों के चलते ये बहुत ज्यादा संवेदनशील भी हो जाते हैं और इनका आकार भी बढ़ता है।
तो चलिए आपको स्तनों से जुड़े ऐसे ही बदलावों के बारे में बताते हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान ही देखने को मिलते हैं।
ब्रेस्ट में दर्द व अकड़न होने का कारण
इस दौरान औरत के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे स्तनों में दर्द होता है। स्तनों के अंदर फैट की लेयर मोटी हो जाती है और दूध की ग्रंथियों में नलियों की संख्या भी बढ़ जाती है। साथ ही इस हिस्से में खून का प्रवाह भी बेहतर हो जाता है बस इसी वजह से ब्रेस्ट हैवी और बड़ी दिखने लगती हैं और महिलाओं को दर्द व असहज भी महसूस होता है।
. हार्मोनल बदलाव के चलते निप्पल और एरोला का रंग गहरा हो जाता है। एरोला निप्पल के आसपास के हिस्से को कहते हैं। ब्रेस्ट से कोलोस्ट्रम निकल सकता है। ये पीले रंग का गाढ़ा पदार्थ होता है जो शिशु के लिए बहुत बढ़िया माना जाता है।
प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट को हैल्दी कैसे रखें?
. इस समय आप किसी एक्सपर्ट से सलाह लेकर ब्रेस्ट की सर्कुलर मोशन में मसाज कर सकती हैं। मॉइस्चराइजर या जैतून के तेल से कम से कम 5 मिनट तक मालिश करें। इससे डिलीवरी के बाद स्तनों में दूध ज्यादा बनेगा और स्तन मुलायम रहेंगे।
. हल्का फुल्का व्यायाम करें और पौष्टिक संतुलित आहार खाएं। हाथों की स्ट्रेचिंग से स्तनों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और ब्रेस्ट में दर्द कम हो सकता है लेकिन ज्यादा फिजीकल एक्टिविटी करने से बचें।
. इस समय के दौरान आरामदायक मेटरनिटी ब्रा पहनें। इससे ब्रेस्ट ढीली नहीं पड़ेंगी लेकिन ज्यादा टाइट और फिटिंग वाली ब्रा ना पहनें।
. अगर ब्रेस्ट से गाढ़ा चिपचिपा पानी निकल रहा है तो उसे गुनगुने पानी या साफ सूती कपड़े से साफ करें। साबुन या एल्कोहल से बने क्लीनिंग एजेंट का इस्तेमाल न करें।
प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट में दर्द का इलाज
अगर दर्द बहुत ज्यादा है तो डाक्टरी जांच जरूर करवाएं। वह आपको मैटरनिटी ब्रा, गर्म या ठंडी सिकाई करने की सलाह दे सकते हैं। अगर दर्द के साथ बहुत ज्यादा अकड़न महसूस हो रही हो तो वह आपकी स्थिति देखकर आगे दवाइयां या अन्य टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।
प्रेग्नेंसी से जुड़ी ये महत्वपूर्ण जानकारी आपको कैसे लगी हमें बताना ना भूलें।