संसद भवन परिसर में स्थापित नये संसद भवन के लोकसभा कक्ष में रविवार को पहली बार ऐतिहासिक सेन्गोल (पवित्र राजदंड) स्थापित किया गया जो विरासत के आधुनिकता से जुड़ने का प्रतीक है। नये संसद भवन का निर्माण मात्र ढाई साल में पूरा किया गया है। ऐसे में अभिनेता शाहरुख खान और अक्षय कुमार ने खुशी जताते हुए कहा- नया संसद भवन “नए भारत” की दिशा में योगदान देगा और यह देश की विकास गाथा का प्रतीक बनेगा।
दोनों अभिनेताओं ने शनिवार रात ट्विटर पर नए संसद भवन की एक झलक साझा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किए जाने पर खुशी जाहिर की। प्रधानमंत्री ने नए भवन पर अपने विचार साझा करने के लिए दोनों अभिनेताओं की प्रशंसा की।
शाहरुख खान ने ट्विटर पर लिखा- “हमारे संविधान को बनाए रखने वाले, इस महान राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करने वाले और इसके हर व्यक्ति की विविधता की रक्षा करने वाले लोगों के लिए कितना शानदार है नया संसद भवन। नए भारत के लिए एक नया संसद भवन...भारत के गौरव के सदियों पुराने सपने के साथ। जय हिन्द!” नए संसद भवन के बारे में अपने विचारों को खूबसूरती से व्यक्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने शाहरुख की सराहना की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया- “नया संसद भवन लोकतांत्रिक शक्ति और प्रगति का प्रतीक है। यह आधुनिकता के साथ परंपरा का मिश्रण है।”
अक्षय ने ट्वीट किया- “संसद के इस शानदार नए भवन को देखकर गर्व होता है। यह सदैव भारत की विकास गाथा का एक प्रतिष्ठित प्रतीक बना रहे।” दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में पले-बढ़े अक्षय ने कहा कि बचपन में वह देखते थे कि इंडिया गेट के पास की अधिकतर इमारतों का निर्माण अंग्रेजों ने किया था। उन्होंने ट्विटर पर साझा एक क्लिप में कहा- “आज इस एकदम नए और भव्य भवन को देखकर मेरा दिल गर्व से भर गया है। भारतीय संसद लोकतंत्र का मंदिर है। यह नए भारत का प्रतीक है। एक ऐसा भारत, जो न केवल संस्कृति और विरासत में सबसे आगे है , बल्कि अपनी प्रगति के साथ दुनिया में आगे भी बढ़ रहा है।”
अभिनेता ने “इस दिन को संभव बनाने” के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा- “भगवान आने वाले वर्षों में भारत को अधिक से अधिक प्रगति हासिल करने का आशीर्वाद दे।” प्रधानमंत्री ने अक्षय के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “नयी संसद वास्तव में हमारे लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ है।”
नया संसद भवन का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को किया था। 20 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है। इसके लोकसभा कक्ष में आवश्यकता होने पर 1280 व्यक्तियों के लिए बैठने की व्यवस्था की जा सकती है। नये भवन के लोकसभा कक्ष में 888 और राज्य सभा कक्ष में 300 सदस्य सहजता से बैठ सकते हैं। हर सीट पर दो सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जायेगी और डेस्क पर उनके लिए टच स्क्रीन गैजेट होंगे।
हीरे (त्रिकोणीय) आकार के नये भवन के साथ संसद भवन परिसर में पुस्तकालय भवन सहित तीन भवन हो गये हैं। कुल 64500 वर्ग मीटर में बने नये संसद भवन में तीन मुख्य द्वार- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं। अति विशिष्ट व्यक्तियों, सांसदों और दर्शकों को अलग-अलग द्वारों से प्रवेश कराया जायेगा। इसका निर्माण टाटा उद्योग समूह की कंपनी टाटा प्रोजेक्टस लि ने किया है। इसमें एक विशाल कक्ष है, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत की झांकी प्रस्तुत की गयी है।
इसमें सांसदों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन-पान की जगह और पाकिर्ंग स्थल बना है। नये संसद भवन के निर्माण में 60 हजार श्रमिकों के हाथ लगे हैं। यह आधुनिक इलेक्ट्रानिक उपकरणों से लैस हैं जो सांसदों की कार्यक्षमता का विस्तार करेगा और इनसे संसदीय कार्य में आसानी होगी। संसद भवन में लगी सामग्री देश विभिन्न भागों से लायी गयी है। इसमें इमारती लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से, लाल और सफेद संगमरमर राजस्थान से आये हैं। इसमें उदयपुर से लाये गये हरे पत्थर लगे हैं। लाल ग्रेनाइट अजमेर के लाखा की है। कुछ सफेद संगमरमर राजस्थान में ही अंबा जी से लाया गया है।