शादियों में अक्सर इतना खर्चा हो जाता है जिसके चलते कई बार लड़की वालों को अपनी कई चीजें गिरवी रखनी पड़ती हैं। परंतु अब शादी में फिजूल खर्ची करने पर सरकार ने रोक लगा दी है। मानसून संत्र में सांसद में एक नया बिल पास किया गया है जिसके जरिए अब शादियों में फिजूलखर्ची पर रोक लगेगी। पंजाब से कांग्रेस के सांसद जसबीर सिंह गिल ने पेश किए गए प्राइवेट बिल में अपनी बात रखी है।
बारात में जाएंगे बस 50 लोग
कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल के द्वारा पास किए गए बिल में यह लिखा गया है कि बारात में सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो पाएंगे। इसके अलावा शादी में 10 से ज्यादा व्यंजनों को भी नहीं परोसा जाएगा। शगुन या उपहार में भी सिर्फ 2500 रुपये और तोहफे ही दिए जाएंगे।
आखिर क्या है बिल लाने का मकसद?
लोकसभा के मानसून सत्र में लाए इस बिल का मकसद शादी में फिजुल खर्चे पर लगाम लगाना है। इसके अलावा इस बिल के माध्यम से बारातियों की संख्या को भी सीमित रखा जाएगा जिससे शादियों में किसी भी तरह की फिजूल खर्ची नहीं हो पाएगी।
पहले भी हो चुका है ऐसा बिल पास
आपको बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब लोकसभा में फिजूल खर्ची को लेकर बिल पास हुआ है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। दिसंबर 2017 में मुंबई के उत्तर से बीजेपी के लोकसभा सांसद गोपाल चिनय्या शेट्टी ने एक निजी विधेयक बिल पास किया था इस बिल में शादियों पर होने वाले फिजूलखर्ची पर रोकथाम की मांग की गई थी। फरवरी 2017 में कांग्रेस के सांसद रंजीत रंजन ने शादियों में आमंत्रित होने वाले मेहमानों की संख्या और परोसे जाने वाले व्यंजनों की सीमा तय करने के लिए भी बिल पास किया था। इसमें यह प्रावधान किया गया था कि जो लोग शादी पर 5 लाख से ज्यादा पैसे खर्च करते हैं। वे इस राशि का कम से कम 10 प्रतिशत गरीब परिवार की लड़कियों की शादी में योगदान के रुप में देंगे।