अधिकमास का पावन महीना चल रहा है। यह पूरा मास भगवान श्रीहरि को अति प्रिय होने से इस दौरान उनकी पूजा- अर्चना करने से शुभफल मिलता है। साथ ही अधिकमास में सत्यनारायण कथा का विशेष महत्व माना जाता है। इस पूरे महीने में किसी भी दिन या खासतौर पर पूर्णिमा पर इस कथा को करवाना बेहद शुभ माना जाता है। तो चलिए जानते हैं, सत्यनारायण कथा करने से किस तरह श्रीहरि की कृपा मिलती है।
मन्नत पूरी होने पर की जाती है पूजा
माना जाता है कि अपनी मन्नतों को पूरा होने के बाद लोग इस कथा को करवाते है। इससे जीवन में सुख- समृद्धि व शांति आती है। घर का माहौल पॉजीटिव होने के साथ खुशहाली से भरने के साथ धन से जुड़ी परेशानियां दूर होती है।
प्रसाद में चढ़ती है 3 चीजें
केला
केला श्रीहरि को सबसे प्रिय फल माना जाता है। व्यवहारिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो केला एक ऐसा फल है जो सालभर मिलता है। इसके साथ अगर हम धार्मिक तौर से देखे तो केले की उत्पत्ति भगवान विष्णु जी की तरह गर्भ से न होकर बीज से होने के चलते इसे बेहद ही पवित्र माना गया है। साथ ही इसका ग्रह गुरू होने से भी श्रीहरि की हर पूजा पर इसका विशेष महत्व माना जाता है।
दूध
दूध भी श्रीहरि को अधिक प्रिय माना जाता है। भगवान विष्णु जी का निवास स्थान शील सागर भी दूध से ही बना है। साथ ही श्रीहरि के शालिग्राम स्वरूप की पूजा भी दूध से की जाती है। ऐसे में दूध हो केले से तैयार प्रसाद को भगवान विष्णु को चढ़ाने से उनकी असीम कृपा मिलती है। इसके अलावा दोनों ही चीजें पौष्टिक गुणों से भरपूर होती है। ऐसे में इनका सेवन करने से शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
गेंहू
गेंहू को कनक यानी सोने के बराबर माना जाता है। ऐसे में इसका दान करना सोने के दान के बराबर माना जाता है।
इन दिनों में करनी चाहिए सत्यनारायण की पूजा
स्कंदपुराण में नारायण जी को श्रीहरि ने इस कथा का महत्व बताते हुए कहा था कि इस पूजा को वैसे तो किसी भी दिन में करवाने से लाभ होता है। मगर पूर्णिमा और वीरवार के दिन इस पूजा को करना विशेष फलदाई होता है।
तो चलिए अब जानते हैं सत्यनारायण की पूजा करने के लाभ...
सुख- शांति
सत्यनारायण की पूजा करने से घर में सुख- शांति व समृद्धि आती है। घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक में बदल जाती है।
शादी के खुलते हैं संयोग
जिन लड़के या लड़कियों के विवाह में बांधा आ रही होती है। उन्हें सत्यनारायण की कथा जरूर करवानी चाहिए। इससे शादी के संयोग खुलने के साथ अच्छा जीवनसाथी मिलता है।
सुखमय वैवाहिक जीवन
इसे शादी से पहले या बाद में करवाने से वैवाहिक जीवन सुखमय बीतता है।
संतान के जन्म पर
किसी घर में संतान का जन्म होने पर भगवान श्रीहरि के शालिग्राम स्वरूप की पूजा करने के साथ सत्यनारायण कथा करवाने या पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है।
दुखों से मुक्ति
इस कथा को करवाने से जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर हो शारीरिक व मानसिक रूप से शांति मिलती है।