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Badlo Apni Soch: बेटियों को पढ़ाने से परहेज क्यों? वक्त रहते बदल दें इस सोच को

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 15 Apr, 2023 05:55 PM
Badlo Apni Soch: बेटियों को पढ़ाने से परहेज क्यों?  वक्त रहते बदल दें इस सोच को

बेटी पढ़ेगी तभी आगे बढ़ेगी! ये स्लाेगन हमने सुना तो कई बार है लेकिन इस पर आज भी सभी लोग अमल नहीं कर रहे हैं। हम यह नहीं कह रहे कि भारत में सभी लड़कियां पढ़ी लिखी नहीं है। अब तो लड़कियां - लड़कों से आगे निकल रही हैं, बहुत सेभाग्यशाली बेटियों का ना सिर्फ पढ़ने का मौका मिला बल्कि अपने लिए कुछ करने की भी पूरी आजादी मिली। पर याद रखें ये आजादी हर किसी के लिए नहीं है। 

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एक जैसे नहीं होते हालात

आज भी कई परिवार ऐसे हैं बेटी की शिक्षा पर पैसे खर्च करने से माता- पिता कतराते हैं। उनका मानना है कि शादी के बाद ते उसने घर ही संभालना है तो इतना पढ़ाकर क्या ही करना है। पर हम भूल जाते हैं कि वक्त और हालात एक जैसे नहीं होते हैं। कई बार महिलाओं के सामने ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं कि उन्हें अकेले पूरे घर की जिम्मेदारी संभालनी पड़नी है, अगर वह पढ़ी लिखी ही नहीं होगी तो खुद को और परिवार को कैसे संभाल पाएगी। 

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बेटियों को पढ़ाने से परहेज क्यों?

यह बात किसी को भी नहीं भूलना चाहिए कि महिला के अधिकारों की रक्षा में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा महिलाओं को जीवन के मार्ग को चुनने का अधिकार देती है, विवाह की सामाजिक बुराई को खत्म करने में मदद करती है। यह लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकने में भी मददगार है।  एक बालिका को शिक्षित करने से उसे देश के आर्थिक विकास में योगदान करने में भी मदद मिल सकती है। जरा, सोचिए बेटियाें को पढ़ाकर तो सिर्फ लाभ ही लाभ मिल रहा है फिर उन्हें शिक्षा देने से परहेज क्यों है?

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बेटों से ज्यादा बेटियां देती हैं साथ

"समाज क्या कहेगा, लोग तरह- तरह की बातें करेंगे" अगर आप भी यह सोच कर बेटी को शिक्षा से वंचित रख रहे है तो बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। क्योंकि जब पढ़े- लिखे बेटे मां- बाप को छोड़कर विदेश चले जाते हैं तब समाज नहीं बल्कि आपकी बेटियां ही आपका सहारा बनती हैं। तब वह यह तो नहीं सोचती कि अब मैं शादीशुदा हो गई हूं उनका क्यों सोचूं, जैसे कुछ मां- बाप सोच लेते हैं कि बेटी को पढ़ाकर क्या करेंगे दूसरे घर ही तो जाना है। 

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बदल दें अपनी सोच

अगर आप भी यही सोच रखते हैं कि  लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करना पैसा व्यर्थ करना है, तो बदल दें अपनी सोच। एक शिक्षित लड़की की अगर कम उम्र में शादी नहीं की गई तो वह लेखक, शिक्षक, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक के रूप में देश की सेवा कर सकती हैं। अगर एक लड़की शिक्षित है तो वह अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर घर संभाल सकती है। अगर वह शिक्षित है तो अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दे सकती है। 

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