भारतीय मूल के 12 वर्षीय अमेरिकी शतरंज खिलाड़ी अभिमन्यु मिश्रा पूरी दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए हैं। सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन अभिमन्यु मिश्रा ने इतिहास रच दिया है। उनसे पहले यह रिकॉर्ड साल 2002 में रूस के सर्गेई कर्जाकिन (12 साल, सात माह) के नाम था। वहीं अब न्यू जर्सी में रहने वाले 12 साल, 4 माह, 25 दिन के अभिमन्यु पूरी दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए हैं। अभिमन्यु ने बुडापेस्ट में आयोजित ग्रैंडमास्टर टूर्नामेंट में भारतीय ग्रैंडमास्टर लियॉन मेनडोंका को हराकर ये उपलब्धि हासिल की है।
अभिमन्यु मिश्रा की फैमिली-
बतां दें कि अमेरिका के न्यू जर्सी में अभिमन्यु मिश्रा के पिता हेमंत मिश्रा डेटा मैनेजमेंट का काम करते हैं। अभिमन्यु मिश्रा महज ढाई साल के थे जब उनके पिता हेमंत ने उन्हें शतरंज से जोड़ा। पांचवें साल में वह अपने पिता को हराने लगे और स्थानीय टूर्नामेंटों में भाग लेना शुरू कर दिया। जहां इस युवा खिलाड़ी ने अपने पिता की उम्र के खिलाड़ियों को हराना शुरू किया।
मुझे लगा कि मैं इतिहास बनते हुए देख रहा हूं अभिमन्यु सामान्य नहीं है-
उनके एक कोच अरुण प्रसाद ने एक घटना को याद करते हुए बताया कि वह सिर्फ नौ साल का था जब उसे एक अनुभवी 70 वर्षीय प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खड़ा किया गया था। अभिमन्यु कुछ ही देर में उसे हरा दिया। मुझे लगा कि मैं इतिहास बनते हुए देख रहा हूं, मुझे जल्द ही एहसास हुआ कि वह सामान्य नहीं है, वह जो कुछ भी देखता है उसे याद करता है, उन्हें 2014 और 2015 के खेलों के मूव्स याद हैं, उनका दिमाग सब कुछ सोख लेता है।
अभिमन्यु की उपलब्धि-
अभिमन्यु ने सिर्फ सात साल की उम्र में देश-विदेश की यात्रा करना शुरू कर दिया, अमेरिका में सबसे कम उम्र का राष्ट्रीय चैंपियन बनने के बाद अभिमन्यु (10 साल, 9 माह, तीन दिन) दुनिया के सबसे युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने थे। नवंबर 2019 में उन्होंने भारत के आर प्रागनंदा (10 साल, 9 महीने, 20 दिन) का रिकॉर्ड तोड़ा था।
लियॉन की गलतियों का अच्छे से फायदा उठाया और मैं जीत
एक वेबसाइट से बातचीत में अभिमन्यु ने बताया कि लियॉन के खिलाफ मुकाबला मुश्किल था, पर आखिर में उन्होंने जो गलती की उसका मुझे फायदा मिला। मैंने उन गलतियों का अच्छे से फायदा उठाया। जीत के साथ सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनने की उपलब्धि हासिल कर मुझे बहुत खुश हो रही है।