7 साल की उम्र में जहां बच्चे खेलकूद, कंप्यूटर व गेमिंग पर ध्यान देते हैं वहीं आराध्य अरविंद शंकर अपने परिवार का सिर गर्व से ऊँचा कर रही है। सात साल की आध्या को 'पीस ईमेज ऑफ द ईयर' के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जिस तस्वीर के लिए उन्हे ये आवार्ड मिला है, उसे देख हर कोई भावुक हो जाएगा।
पहली भारतीय को मिला यह आवार्ड
बैंगलोर की आराध्या ने चिल्ड्रन पीस इमेज ऑफ द ईयर जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया है। जिस फोटो के लिए आध्या ने पुरस्कार जीता उसकी थीम थी 'लैप ऑफ पीस' यानि शांति की गोद। इस फोटो में उनकी मां को अपनी दादी की गोद में लेटे हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर के जरिए वह बताना चाहती है कि अगर हम धरती मां की रक्षा करते हैं, तो पूरी दुनिया शांति से रह सकती है।
मां की गोद को प्रकृति की गोद से जोड़ा
आराध्या ने इस तस्वीर को लेकर बताया कि- प्रतियोगिता का विषय जानकर मेरे दिमाग में पहला विचार यह आया कि हम इंसान तभी शांति से रह सकते हैं जब हमारी प्रकृति मां की रक्षा हो और उसे पोषित किया जाए। कुछ दिनों बाद मैंने देखा कि मेरी मां अपनी मां की गोद में चैन से सो रही है। तभी मेरे मन में मां की गोद को प्रकृति की गोद से जोड़ने का विचार आया।
कक्षा 2 की छात्रा है आध्या
आराध्या के पिता ने बताया कि उसने बहुत सोचा कि उसे क्या शूट करना चाहिए। आमतौर पर वह अपनी दादी की गोद में सोती है। एक अवसर पर, उसने अपनी मां को दादी की गोद में सोते हुए देखा और इसकी तस्वीर लेने का सोचा। कक्षा 2 की छात्रा स्कूल में पर्यावरण से संबंधित अवधारणाओं को भी सीख रही थी ताकि वह फोटो की तुलना प्रकृति से कर सके।
मोबाइल फोन से ही खींचती है फोटो
फोटोग्राफी की शौकीन आध्या अपनी मां के मोबाइल फोन से ही फोटो खींचती हैं। वह हर उस चीज को पकड़ लेती है जो उसे दिलचस्प लगती है। ग्लोबल पीस फोटो अवार्ड प्राप्त करने वाली पहली भारतीय बनने के अलावा, उन्होंने 1,000 यूरो का नकद पुरस्कार और एक पदक भी जीता है। पहले उसने इस तस्वीर को रंगीन क्लिक किया था, जिसे बाद में ब्लैक एंड व्हाइट दिया गया।