बच्चों के सकारात्मक पालन-पोषण की नींव लगाव, सम्मान, प्रोटेक्टिव पालन-पोषण, सहानुभूतिपूर्ण और सकारात्मक अनुशासनपर टिकी हुई है। बच्चों को भविष्य में एक व्यक्ति बनाने के लिए बचपन में मार्गदर्शन उन्हें सही मार्गदर्शन दिखाने के साथ उन्हें अच्छी परवरिश देना भी जरूरी है। यहां हम आपको कुछ ऐसी खास बातें बताएंगे, जिन्हें बच्चों की परवरिश करते समय हर माता-पिता को ध्यान में रखनी चाहिए। चलिए जानते हैं पॉजिटिव पेरेंटिस के कुछ खास टिप्स...
अगर बच्चा करे दुर्व्यवहार...
जब बच्चा दुर्व्यवहार या किसी चीज की जिद्द करे तो यह अपनी अधूरी जरूरत को मनवाने का एक तरीका हो सकता है। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वो उनकी जिद्द ना मानें। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे उन्हें लगेगा कि वो हर बार इसी तरह अपनी बात मनवा सकते हैं।
बच्चे की कोशिशों को ना करें अनदेखा
हो सकता है कि किसी काम को करने के बाद बच्चा आपको मनचाहा रिजल्ट ना दे पाया हो। मगर, इसका मतलब यह नहीं कि आप उनकी कोशिशों को नजरअंदाज कर दें। उनकी कोशिशों की सराहना करें क्योंकि इससे वो अगली बार दोगुना मेहनत करेंगे।
बच्चों को दे सम्मान
अपने बच्चे को वह सम्मान दें जो आप चाहते हैं कि वे आपको दें क्योंकि वही करते हैं जो वो आपसे सीखते हैं। माता-पिता ही बच्चे के पहले गुरू होते हैं।
बच्चों की भावनाओं का सम्मान करें
उनकी भावनाओं व सपनों का सम्मान करें, ना कि उसके लिए बच्चों को सजा दें। वे अपनी जिंदगी में जो बनना चाहते हैं, उन्हें बनने दें और उनके साथ खड़े रहें।
उनकी क्षमताओं पर भरोसा रखें
अपने बच्चों की क्षमताओं पर विश्वास रखें। दूसरों से उनकी तुलना ना करें, इससे बच्चों का कॉन्फिडेंस खत्म हो सकता है।
याद रखें... वे जितना बुरा महसूस करते हैं, उतना ही बुरा व्यवहार करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे के साथ हमेशा प्यार से रहें।