आज मनुष्य ने अपने जीवन को आसान बनाने के लिए पर्यावरण को दाव पर लगा दिया है। कभी पेड़ काट देना तो कभी कूड़े का ढेर इधर उधर फेंकना लेकिन ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें आज भी अपने पर्यावरण से प्यार है। एक ऐसी ही पहल की है 14 साल की विनिशा उमाशंकर ने। विनिशा तिरूवनामलई के एक प्राइवेट स्कूल में 9 वी कक्षा की छात्रा हैं।
बनाई सोलर पैनल से चलने वाली मोबाइल आयरन
14 साल की विनिशा ने पर्यावरण को बचाने के लिए बहुत अच्छी पहल की है और इसके लिए विनिशा को सम्मानित भी किया जा चुका है। दरअसल 14 साल की इस लड़की को सोलर पैनल से चलने वाली मोबाइल आयरन कार्ट बनाने के लिए प्रतिष्ठित सम्मान चिल्ड्रंस क्लाइमेट प्राइज से सम्मानित किया गया है।
राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार 2021 के लिए भी चुना गया नाम
इतना ही नहीं विनिशा को जहां चिल्ड्रंस क्लाइमेट प्राइज से सम्मानित किया गया तो वहीं दूसरी ओर उसका नाम 18 साल से कम उम्र के युवाओं को प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाने वाले राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार 2021 के लिए भी शॉर्टलिस्ट किया गया है।
सम्मान के तौर पर मिली 8.64 लाख की राशि
विनिशा को जो चिल्ड्रंस क्लाइमेट प्राइज मिला है उसमें उसे 8.64 लाख की राशि मिली है। वहीं इसके अलावा स्वीडन आधारित चिल्ड्रंस क्लाइमेट फाउंडेशन की ओर से मेडल और डिप्लोमा भी मिला।
दरअसल विनिशा अपने इस काम पर करती है,' मैं जहां रहती हूं, वहां मैंने देखा कि एक प्रेस वाला लोगों के कपड़े प्रेस करने का काम करता है। पति और पत्नी दोनों मिल कर प्रेस के लिए कास्ट आयरन बॉक्स वाली कोयले की प्रेस का इस्तेमाल करते हैं। फिर इसके बाद जले हुए कोयलों को ठंडा करने के लिए वो कोयले मैदान में ही डाल देते हैं। जिससे पर्यावरण को काफी नुक्सान होता है ऐसे में विनिशा ने एक पहल करने की सोची।'
विनिशा की मानें तो उसके साथ 6 और लोग काम करते हैं और उन्होंने विनिशा को यह सोचने पर मजबूर किया कि क्यों न एक ऐसी आयरन यानि प्रेस बनाई जाए जिसके लिए कोयले की जरूरत ही न पड़े क्योंकि देखा जाए जला हुआ कोयला पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
वहीं पिछले साल विनिशा को आयरन डिजाइन करने के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम IGNITE अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
कर चुकी हैं स्मार्ट सीलिंग फैन का अविष्कार
इतना ही नहीं विनिशा इससे पहले मोशन सेंसर के जरिये चलने वाले स्मार्ट सीलिंग फैन का अविष्कार भी कर चुकी हैं। इसके लिए 2019 में उन्हें बेस्ट वुमन इन्नोवेटर कैटेगरी में डॉ. प्रदीप पी थेवन्नूर इन्नोवेशन अवार्ड से नवाजा गया था। हम विनिशा की इस कला और इस सोच को सलाम करते हैं।