भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को 'जन्माष्टमी' के रूप में मनाया जाता है। कहीं भगवान श्रीकृष्ण की पालकी सजाई जाती है तो कहीं कान्हा की झांकी निकलती है। वहीं कुछ महिलाएं इस दिन व्रत भी रखती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन व्रत क्यों रखा जाता है और इसका क्या महत्व है।
चलिए आज हम आपको बताते हैं कि महिलाएं जन्माष्टमी का व्रत क्यों रखती हैं और व्रत की विधि...
इसलिए रखती हैं महिलाएं व्रत...
इस दिन महिलाएं रात के 12 बजे तक निर्जल व्रत रखती हैं। मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने और विधि विधान से पूजा करने पर नि:संतान लोगों को संतान सुख का प्राप्त होता है। साथ ही यह व्रत रखने से पुत्र की आयु भी लंबी होती है। वहीं कुवांरी लड़कियां श्रीकृष्ण जैसा पति और जीवन में खुशी की कामना से यह व्रत रखती हैं।
ऐसे रखें व्रत
इस दिन सुबह स्नान ध्यान करके बाल गोपाल की पूजा करें। अगर आपने निर्जल व्रत रखा है तो मध्यरात्रि में भगवान की पूजा करने के बाद जल और फल ग्रहण करें। फलाहारी व्रत रखने वाले दिन के समय जल और फल ग्रहण कर सकते हैं लेकिन एक नियम सभी के लिए। ऐसी मान्यता है कि मध्यरात्रि में कान्हा की पूजा करनी चाहिए।
व्रत के नियम
-व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दौरान मन में कोई भी नकारात्मक विचार नहीं लाना चाहिए।
-व्रत के दिन पूर्व ही लहसुन, प्याज का सेवन ना करें।
-महिलाएं व्रत के दिन कान्हा को पंचामृत से स्नान करवाकर नए कपड़े पहनाएं।
-इस रात कन्हा को झूला-झूलाना और चंद्रमा को अर्घ्य जरूर देना चाहिए।
-भूलकर भी इन दिन तुलसी या कोई अन्य पौधा तोड़ने की गलती ना करें।
जन्माष्टमी तिथि और मुहूर्त
अष्टमी तिथि 23 अगस्त 2019 शुक्रवार में सुबह 8:09 बजे से लगेगी।
अष्टमी तिथि का समापन अगस्त 24, 2019 को सुबह 08 बजकर 32 मिनट पर होगा।
रोहिणी नक्षत्र 23 अगस्त 2019 को दोपहर 12:55 बजे से लग जायेगा और 25 अगस्त 2019 को रात 12:17 बजे तक रहेगा।
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