साल 2019 शुरू होते ही कादर खान के निधन की बुरी खबर मिली। सबको अपनी बातों से हसांने वाले 81 साल के कादर खान का निधन सोमवार को कनाडा हो गया। कादर खान ने अपनी जिंदगी के साफर में करीब 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। वह न केवल बेहतरीन अभिनेता थे बल्कि वह एक अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने कई दर्जनों सुपर हिट्स फिल्मों के लिए बेहतरीन डायलॉग लिखे, जिनसे आप जिंदगी में शिक्षा ले सकते हैं।
एक इंटरव्यू में कादर खान ने कहा था, 'मैं अपनी जिंदगी की रेस में अकेले दौड़ा और दूसरे नबंर पर रहा। किसी इंसान को नबंर वन नहीं रहना चाहिए क्योंकि उंचाई पर जगह सबसे कम होती है।'
जब जिंदगी की गाड़ी इशक के प्लेटफार्म पर जाकर अटक जाए तो उस गाड़ी में थोड़ा-सा शादी का पट्रोल डाल देना चाहिए, तो गाड़ी आगे बढ़ जाती है।
फिल्म-दूल्हे राजा
दौलत का क्या है वह तो आती जाती रहती है मगर बेटी तो घर की इजज्त है जो एक बार चली जाए वो लौट कर वापिस नहीं आया करती।
फिल्म-नसीब
जिंदगी तो खुदा की रहमत है जो नहीं समझा उसकी जिंदगी पे लानत है।
फिल्म-मुकद्दर का सिंकदर
सुख तो बेवफा है चंद दिनों के लिए आता है और चला जाता है।
फिल्म-आतिश
जिंदगी में तूफान आए कयामत आए मगर कभी दोस्ती में दरार ना आए।
फिल्म-जैसी करनी वैसी भरनी
अगर इंसान दुख से दोस्ती कर ले तो जिंदगी में कभी उसको सुख की तमन्ना ही नहीं रहेगी।
हराम की दौलत इंसान को शुरू-शुरू में सुख जरूर दिलाती है... मगर बाद में ले जाकर ऐसे दुख के सागर में ढकेल देती है... जहां मरते दम तक सुख का किनारा नजर नहीं आता।
फिल्म- मुकद्दर
एक फिल्म के डायलॉग में कादर खान ने कहा था अगर सुख में मुस्कुराते हो तो दुःख में कहकहा लगाओ क्योंकि जिंदा हैं वो लोग जो मौत से टकराते हैं, पर मुर्दों से बेहतर हैं वो लोग जो मौत से घबराते हैं। उनकी कही यह बात जिंदगी में काफी काम आ सकती है।
फिल्म- मुकद्दर
किसकी कब्र पर बैठे हो बच्चो, हमारी मां मर गई है, उठो, आओ मेरे साथ चारों तरफ देखो। यहां भी कोई किसी की की बहन है, कोई किसी का भाई है, कोई किसी की मां है. इस शहर ए खामोशियों में, इस खामोश शहर में, इस मिटटी के ढेर के नीचे, सब दबे पड़े हैं। मौत से किसको रास्तागरी है? मौत से कौन बच सकता है? आज उनकी तो कल हमारी बारी है।