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माघ मेला 2026: महाकुंभ में डुबकी नहीं लगा पाए? माघ पूर्णिमा पर भी मिलेगा वही पुण्य, जानें तारीख और महत्व

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 14 Dec, 2025 05:38 PM
माघ मेला 2026: महाकुंभ में डुबकी नहीं लगा पाए? माघ पूर्णिमा पर भी मिलेगा वही पुण्य, जानें तारीख और महत्व

नारी डेस्क:  हिंदू धर्म में माघ मेला अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह मेला हर साल प्रयागराज के संगम तट पर लगता है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

माघ मेले का धार्मिक महत्व

माघ मेला सिर्फ स्नान के लिए ही नहीं बल्कि साधु-संतों, तपस्वियों और आम भक्तों के आध्यात्मिक संगम का भी अवसर होता है। देश-विदेश से लोग यहां आकर पूजा, दान, ध्यान और साधना करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यदि किसी ने महाकुंभ में स्नान नहीं किया हो, तो माघ पूर्णिमा पर संगम में डुबकी लगाने से वही पुण्य और लाभ प्राप्त होता है। इस कारण माघ मेला 2026 को विशेष महत्व दिया जा रहा है।

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माघ मेला 2026 की तिथियां

इस साल माघ मेला 3 जनवरी 2026 से शुरू होकर 15 फरवरी 2026 तक चलेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि 2 जनवरी की शाम 6:54 बजे शुरू होकर 3 जनवरी की दोपहर 3:32 बजे तक रहेगी। मेला का पहला पवित्र स्नान और मुख्य कार्यक्रम 3 जनवरी, रविवार को होगा। इस दिन हजारों श्रद्धालु संगम में स्नान करके मेला की धार्मिक शुरुआत करेंगे। मेला के दौरान प्रयागराज पूरी तरह आध्यात्मिक रंग में रंग जाता है और हर दिन संगम तट पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

कल्पवास का महत्व

माघ मेले में कल्पवास विशेष महत्व रखता है। यह प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा है, जिसमें श्रद्धालु पूरे एक महीने नदी के किनारे रहकर ध्यान, उपवास और पूजा करते हैं। कल्पवासी रोज सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं, पूजा-पाठ करते हैं, ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं और केवल सादा शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं। इस साल माघ मेला 3 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक रहेगा और संगम में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाएगा।

माघ मेले की छह प्रमुख स्नान तिथियां

3 जनवरी – पौष पूर्णिमा: मेला का शुभारंभ और संगम स्नान

15 जनवरी – मकर संक्रांति: सूर्य के उत्तरायण होने पर विशेष स्नान

18 जनवरी – मौनी अमावस्या: पाप नाश और मौन साधना का दिन

23 जनवरी – बसंत पंचमी: विद्या, संगीत और कला की पूजा

1 फरवरी – माघी पूर्णिमा: दान और स्नान का श्रेष्ठ दिन, अत्यंत पवित्र माना गया

15 फरवरी – महाशिवरात्रि: शिव आराधना और पवित्र स्नान के साथ मेला समापन

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इस बार की माघ पूर्णिमा क्यों खास

यदि आप महाकुंभ में स्नान नहीं कर पाए हैं, तो 1 फरवरी 2026 की माघ पूर्णिमा आपके लिए बड़ा अवसर है। इस दिन ऐसा शुभ योग बन रहा है, जिसमें संगम स्नान का फल महाकुंभ स्नान के समान माना जाता है। भक्ति, दान और संगम स्नान का विशेष महत्व होने के कारण लाखों श्रद्धालु इस दिन प्रयागराज पहुंचेंगे।

नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ या धार्मिक गुरु की सलाह अवश्य लें।  

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