भारत में मौजूद बहुत से किले और महल अपनी खासियत और खूबसूरती के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। आज हम आपको भारत के एक ऐसे ही किले के बारे में बताने जा है जिसे भारत की शान माना जाता है। मध्यप्रदेश में स्थित ग्वालियर किला मध्यकालीन स्थापत्य के अद्भुत नमूनों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस किले के अंदर खजाना दफन है जोकि आजतक किसी को नहीं मिला। सुरक्षित बनावट के साथ इस किले को 2 भागों में बांटा गया हैं। 8वीं शताब्दी में बने इस किले को देखने के लिए टूरिस्ट देश-विदेश से आते हैं। आइए जानते है इस किले के बारे में कुछ और इंटरेस्टिंग बातें।
8वीं शताब्दी में बना यह किला 3 वर्ग किलोमीटर तक के दायरे में फैला हुआ है। गोपांचल पहाड़ी पर स्थित इस किले की ऊंचाई लगभग 350 फीट है। इसके अंदर कई ऐतिहासिक स्मारक, बुद्ध-जैन मंदिर, महल जैसे गुजारी महल, मानसिंह महल, जहांगीर महल, करण महल, शाहजहां महल भी मौजूद हैं।
इस किले तक जाने के लिए दो रास्ते बनाए गए हैं। जिनमें से एक ग्वालियर गेट पर से केवल चलकर ही जाया जा सकता है, जबकि दूसरे रास्ते ऊरवाई गेट से आप गाड़ी के जरिए भी जा सकते है।
हाथी पुल के नाम से जाने वाला इस किले का मुख्य द्वार सीधा मान मंदिर महल की ओर ले जाता है। इसके अलावा यहां पर बने तलाब को लेकर लोगों को मानना है कि उसका जल पीने से सभी रोग दूर हो जाते है। लाल बलुए पत्थर से निर्मित यह किला देश के सबसे बड़े किलों में से एक है और भारतीय इतिहास में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।
इसके अलावा पुरातात्विक संग्रहालय में तबदील हो चुके गुजारी महल में आप दुर्लभ मूर्तियां का कलेक्शन देख सकते है। पहली ईस्वी की यह मूर्तियां आस-पास के इलाकों से ही प्राप्त हुई है। रात के समय इस महल को आप अलग-अलग लाइट्स के साथ चमकता हुआ देख सकते है।
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