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घर की इस दिशा में शीशा लगाएं, खिंची चली आती है धन-दौलत और खुशहाली

  • Edited By Monika,
  • Updated: 07 Dec, 2025 01:47 PM
घर की इस दिशा में शीशा लगाएं, खिंची चली आती है धन-दौलत और खुशहाली

नारी डेस्क : जैसे हमारे खाने-पीने का सही ध्यान रखना हमारे अच्छे जीवन और सेहतमंद लाइफस्टाइल के लिए जरूरी है, वैसे ही घर की वस्तुओं को वास्तु के अनुसार सही दिशा में रखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि घर में शीशा लगाना वहां की ऊर्जा पर गहरा असर डालता है। इसके सही या गलत स्थान और दिशा में लगाने से घर में धन, रिश्तों और मानसिक शांति पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि घर में शीशा लगाने की सही दिशा और आकार क्या होना चाहिए।

शीशा लगाना और वास्तु दोष

घर में शीशा लगाने को लेकर कई भ्रांतियां फैली हुई हैं। आमतौर पर माना जाता है कि पलंग के सामने शीशा अशुभ होता है, जबकि कुछ लोग यह सोचते हैं कि किसी भी कमरे की उत्तर दिशा में शीशा शुभ होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह पूरी तरह सही नहीं है। शीशा न तो हर जगह नुकसान देता है और न ही हर दिशा में शुभ परिणाम लाता है। इसका असर पूरी तरह सही दिशा और स्थान पर निर्भर करता है। शीशा जल तत्व का प्रतीक है, इसलिए इसे अग्नि और पृथ्वी तत्व वाली जगहों पर लगाने से बचना चाहिए। इसी कारण दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा को छोड़कर, उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा में शीशा लगाना शुभ माना गया है।

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शीशे का आकार

वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि चार फुट से छोटा मिरर (लगभग 1-2 फीट) किसी भी दिशा में लगाया जा सकता है। यहां तक कि दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी यह ठीक है। केवल ध्यान रखना चाहिए कि इन दो दिशाओं में बड़ा शीशा न हो, जिससे पूरी आकृति साफ दिखे। दक्षिण दिशा में बड़ा शीशा धन और कैश फ्लो में रुकावट ला सकता है। दक्षिण-पश्चिम में बड़ा शीशा रिश्तों और दांपत्य जीवन में तनाव बढ़ा सकता है।

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दुर्भाग्य और नुकसान

हर कमरे की उत्तर दिशा में शीशा लगाना जरूरी या हमेशा शुभ नहीं माना जाता। उत्तर-पूर्व और पश्चिम दिशा में शीशा लगाने से आमतौर पर कोई समस्या नहीं आती, लेकिन दक्षिण दिशा में बड़ा शीशा कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकता है। यदि किसी कारणवश दक्षिण दिशा में शीशा हटाना संभव न हो, तो उसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए उस दीवार पर पीला रंग लगवाना लाभकारी माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पीला रंग दक्षिण दिशा के दोष को शांत करने में मदद करता है और घर की ऊर्जा संतुलित बनाए रखता है।

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अन्य महत्वपूर्ण बातें

शीशा जल और आकाश तत्व का प्रतीक है, इसलिए इसे उन जगहों पर लगाना चाहिए जहां ये तत्व अनुकूल प्रभाव देते हैं। पलंग के सामने शीशा हमेशा वास्तु दोष नहीं होता। रात में रोशनी या चमक प्रतिबिंबित होने से असहजता हो सकती है, लेकिन यह मनोवैज्ञानिक कारणों से होती है। दक्षिण-पूर्व में बड़ा शीशा धन संबंधी परेशानियां, दक्षिण-पश्चिम में शीशा रिश्तों में तनाव, और साउथ-साउथवेस्ट में अनावश्यक खर्च बढ़ा सकता है। 

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घर में शीशा तभी शुभ और लाभकारी होता है जब इसे सही दिशा और सही आकार के साथ लगाया जाए। अन्यथा, अनजाने में घर में ऊर्जा असंतुलन और समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

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