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आखिर नींद में ही क्यों आता है हार्ट अटैक? Experts ने बताए 3 बड़े कारण

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 11 Dec, 2025 09:35 AM
आखिर नींद में ही क्यों आता है हार्ट अटैक? Experts ने बताए 3 बड़े कारण

 नारी डेस्क: आज के समय में हार्ट अटैक लोगों की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गया है। पहले इसे उम्रदराज़ लोगों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब यह हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है फिटनेस मॉडल, सेलेब्रिटी और आम लोग, सभी इस खतरे की चपेट में आ रहे हैं। कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जहां व्यक्ति पूरी तरह सामान्य दिख रहा था, लेकिन अचानक नींद में ही उसकी मौत हो गई। यह सवाल सभी के मन में आता है कि क्या दिल का दौरा रात में सोते समय भी पड़ सकता है और क्यों? इस पर विशेषज्ञों की राय बेहद महत्वपूर्ण है।

नींद में हार्ट अटैक क्यों आता है?

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रतीक चौधरी का कहना है कि हार्ट अटैक किसी भी व्यक्ति को कभी भी आ सकता है, लेकिन नींद के दौरान इसकी संभावना कुछ विशेष कारणों से बढ़ जाती है। नींद में हमारा हार्ट रेट, बीपी और शरीर की गतिविधियां काफी धीमी हो जाती हैं, जिससे शरीर एक रीस्ट मोड में चला जाता है। इस समय यदि दिल की रक्त-नली में पहले से कोई ब्लॉकेज मौजूद हो, तो रक्त प्रवाह और धीमा होने के कारण अटैक आने का खतरा बढ़ सकता है। खासकर मोटापे से ग्रसित लोग इस जोखिम के ज्यादा शिकार होते हैं।

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मोटापा बढ़ाता है रात के अटैक का खतरा

विशेषज्ञों के अनुसार मोटापे वाले लोगों में नींद के दौरान श्वास रुकने की समस्या (Sleep Apnea) ज्यादा देखने को मिलती है। इसमें नींद के दौरान बार-बार सांस रुकती है, जिससे दिल पर अचानक दबाव बढ़ जाता है। लगातार ऐसा होने से हार्ट पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है और रात में अटैक की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

सुबह-सुबह हार्ट अटैक क्यों बढ़ जाते हैं?

डॉक्टरों के मुताबिक सबसे ज्यादा केस अर्ली मॉर्निंग में सामने आते हैं। सुबह होते ही शरीर में कोर्टिसोल और कैटिकोलामाइन जैसे तनाव-हार्मोन तेजी से बढ़ जाते हैं। ये हार्मोन रक्त-वाहिकाओं में प्लेटलेट्स को अधिक चिपचिपा बनाते हैं, जिससे ब्लड क्लॉट बनने का जोखिम बढ़ जाता है। अगर किसी की धमनियों में पहले से ब्लॉकेज है, तो यह क्लॉट वहीं फँसकर हार्ट अटैक को ट्रिगर कर सकता है।

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हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण

हार्ट अटैक से पहले शरीर कई संकेत देता है, लेकिन लोग अक्सर इन्हें अनदेखा कर देते हैं। जैसे:

सीने में जकड़न या दबाव महसूस होना

बिना मेहनत के पसीना आना

मिचली या उल्टी जैसा महसूस होना

कंधे, बाएँ हाथ या जबड़े में दर्द फैलना

ये संकेत अचानक नहीं आते—कभी-कभी कई दिनों तक हल्के रूप में बने रहते हैं।

एक महीना पहले से दिखने वाले चेतावनी संकेत

विशेषज्ञ बताते हैं कि शरीर 1 महीने पहले ही हार्ट अटैक के संकेत देना शुरू कर देता है। इनमें सबसे आम लक्षण शामिल हैं सांस लेने में परेशानी: यदि बिना ज्यादा मेहनत किए भी सांस फूल रही हो, तो यह चेतावनी हो सकती है। यह तब होता है जब फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा होने लगता है और दिल रक्त पम्प करने में कमजोर पड़ जाता है। बार-बार चक्कर आना: दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन न पहुँचने पर चक्कर आने लगते हैं। लगातार चक्कर आना दिल की रक्त-आपूर्ति में गड़बड़ी दिखाता है।

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दिल की धड़कन में उतार-चढ़ाव: कभी धड़कन बहुत तेज, कभी बहुत धीमी यह दोनों ही स्थिति सही नहीं हैं। यह भी संकेत है कि दिल अपनी सामान्य गति से काम नहीं कर पा रहा है।

नींद में हार्ट अटैक आना अचानक लगता है, लेकिन यह महीनों से बन रही अंदरूनी समस्या का परिणाम होता है। ऐसे में शरीर के छोटे-छोटे संकेतों को समझना और उपेक्षा न करना बेहद जरूरी है। यदि आप मोटापे, कोलेस्ट्रॉल या ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, तो नियमित चेकअप, स्वस्थ जीवनशैली और रात की सही नींद से हार्ट अटैक का खतरा काफी कम किया जा सकता है।
  

 

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