हर आंखें नम हैं, सीने में अपने अजीज को खाेने का गम है। प्रख्यात संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन के बाद हर काेई सदमे में है। किसी अपने को खाेने का गम क्या होता है वह तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन से पूछें जिन्होंने आखिरी वक्त तक अपने दोस्त शिवकुमार शर्मा का साथ नहीं छोड़ा। सोशल मीडिया पर उनकी एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे देख आप भी कहेंगे कि ये होता है असली दाेस्त।
दिग्गज संतूर वादक और फिल्म संगीतकार पंडित शिवकुमार शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। बुधवार को परिवार और मित्रों की उपस्थिति में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस प्रक्रिया के बाद जहां सभी घर चले गए थे वहीं जाकिर हुसैन चुपचाप वहां खड़े होकर अर्थी को देखते रहे। उनके चेहरे पर दोस्त को खोने का गम साफ नजर आ रहा था।
सोशल मीडिया यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा- पंडित शिवकुमार शर्मा के अंतिम संस्कार में उस्ताद जाकिर हुसैन, कई दशकों के एक दोस्त को विदा करते हुए। दोनों ने मिलकर कई मौकों पर मंच पर जादू बिखेरा। इससे ज्यादा मार्मिक तस्वीर कभी नहीं देखी। एक यूजर ने लिखा- ‘कौन कहता है की हिंदू-मुस्लिम एक नहीं हो सकते और एक मुस्लिम के मरने पर हिंदू नहीं जा सकता है।
अपने स्टेज को जोड़ीदार साथी को अंतिम विदाई देते जाकिर हुसैन की एक और तस्वीर भी सामने आई थी। उनकी इन दोनाें तस्वीरों ने लोगों को भावुक कर दिया। संतूर वादक शिव कुमार शर्मा और तबला वादक जाकिर हुसैन ने लंबे वक्त तक एक साथ कई स्टेज शो किए थे। एक सच्चे दोस्त को खोने का गम सहना किसी के लिए भी आसान नहीं।