कोविड -19 के बाद बेरोजगारी ने दुनिया में कई तरह की परेशानियां खड़ी कर दी हैं। वहीं देश की युवा भी इसके कारण काम की तराश में भटक रही है। हालांकि कोविड को गए 3 साल हो गए हैं लेकिन आज भी देश के हालातों में कोई असर नहीं आया है। चीन जैसे विकसित देश में भी आर्थिक परेशानियों के चलते युवा बच्चों को कई सारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। अब ऐसे में नतीजों के अनुसार, चीन में कई सारे युवा बच्चे बेरोजगार हो रहे हैं। ऐसे में इन बच्चों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फूल टाइम चिल्ड्रन का ट्रैंड फॉलो किया है। यह ट्रैंड क्या है और इससे बच्चे कैसे अपना भविष्य बदल रहे हैं आज आपको इसके बारे में बताएंगे। तो चलिए जानते हैं....
पेरेंट्स ने दिया साथ
रिपोर्ट के अनुसार, जून में चीन की युवा की बेराजगारी का दर रिकॉर्ड 21.3% तक पहुंच गया है। वहीं इस चुनौतीपूर्ण समय में बच्चों का साथ देने के लिए पेरेंट्स ने भी अपने बच्चों का साथ देना का फैसला किया है। चीन में कुछ माता-पिता ने नियोक्ताओं के रुप में भूमिका निभाई है। वहीं अपने बच्चों को घरेलू काम करने के लिए उनका साथ दे रहे हैं। वहीं प्रभावी रुप से इसमें बच्चों को महीने के अंत में पूरी सैलेरी भी दी जाती है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी इस ट्रेंड का काफी असर देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर #FullTimeDaughter, #FullTimeSon और #FullTimeChildren जैसे हैशटेग भी काफी पॉपुलर हो रहे हैं।
सभी कर रहें हैं बच्चों की प्रशंसा
फुल टाइम चिल्डर्न प्रवृत्ति ने सोशल मीडिया पर एक मुद्दा उछाल दिया है। ऐसे में हर कोई इस पर अपनी राय देता दिख रहा है। इसके बारे में कुछ लोग कह रहे हैं कि इससे बेरोजगार बच्चों को काम न करने का बहाना मिल गया है क्योंकि उनके लिए बेरोजगारी का सामना करना मुश्किल हो जाता है। वहीं चीनी मीडिया ने इस ट्रेंड फिलियल धर्म परायणता की रुप में चित्रित किया है। इसमें उन्होंने बताया कि माता-पिता के साथ समय बिताने के लिए भी यह बच्चों का एक काफी अच्छा प्रयास है।
स्थिति ने किया बच्चों को इस काम के लिए मजबूर
यहां कुछ लोग बच्चों की फुल टाइम चिल्ड्रन के रुप में प्रशंसा करते दिख रहे हैं वहीं यह मुद्दा कुछ लोगों के लिए एक बड़ा कारण बना हुआ है। कुछ लोगों को लगता है कि युवा इस रास्ते को चुनने की जगह नौकरियां खोज सकते हैं लेकिन चीन की बेरोजगारी ने युवा के लिए ऐसे हालात कर दिए हैं।
पेरेंट्स को ठहराया जिम्मेदार
वहीं इस ट्रैंड के कारण कुछ लोग पेरेंट्स को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका मानना है कि पेरेंट्स यही चाहते हैं कि उनके बच्चे उनपर निर्भर रहे। वहीं पेरेंट्स भी इसके चलते परेशान हैं कि बच्चे कब तक इसका सामना करेंगे और कल को उनके भविष्य में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
परिवारों ने दिया साथ
अपने बच्चों का इस ट्रैंड में पेरेंट्स पूरा साथ दे रहे हैं। उनका मानना है कि बढ़ती बेरोजगारी में यह समस्या बच्चे के लिए सही साबित हो सकती है। उनके परिवारों में इससे एक नई उम्मीद भी जागी है। इससे पेरेंट्स के बीच का बॉन्ड भी मजबूत होता है।
युवा के लिए कैसे फायदेमंद है यह ट्रेंड
चीन में फुल टाइम चिल्ड्रन वाली इस पहल से माता-पिता अपने बेरोजगार बच्चों को साथ दे रहे हैं। हालांकि कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं किंतु चुनौतीपूर्ण समय में यह पारिवारिक संबंधों को भी दर्शाता है इससे बच्चों का अपने पेरेंट्स के साथ बॉन्ड मजबूत बनेगा। इसके अलावा इससे आने वाले समय में युवा बच्चों को रोजगार भी मिल सकता है।